दर्शकों के इंतजार में तरसती फिल्म धाकड़

दर्शकों के इंतजार में तरसती फिल्म धाकड़

कंगन राणावत और अर्जुन रामपाल के रूप में मुख्य भूमिका में अभिनीत फिल्म धाकड़ अभी हाल ही कुछ दिनों में रिलीज हुई। जब पहली बार इस फिल्म का टीजर आया था तो इस फिल्म को लेकर मेरे मन में अलग ही उम्मीद थी फिल्म के प्रति साथ ही जब ट्रेलर आया तो और इंट्रेस्टिंग लगा पर अब मैं फिल्म देख लिया हूं पर वो महसूस ही नहीं कर पाया जो ट्रेलर और टीजर को देखने को मिला था । बेशक छायांकन फिल्म का बहुत ही ज्यादा शानदार तरीके से हुआ है ,फिल्म इस्तेमाल किए गए रंग बहुत आकर्षक थे।कलाकारों ने भी बहुत बढ़िया काम किया पर कहानी और पटकथा कमजोर लगी। फिल्म का फर्स्ट हाफ थोड़ा धीमे लग रहा था जब इंटरवल आता है तो फाइट सीक्वेंस की वजह से फिल्म फास्ट हो जाती है जो देखने में अच्छा लगा। कहना के किरदार को ज्यादा फोकस किया गया परंतु उनका ठीक से उपयोग लाया नही गया। अर्जुन रामपाल अपने किरदार में बखूबी जचे और बहुत ही कमाल का प्रदर्शन किया। फिल्म में सहायक की भूमिका में दिव्या दत्ता , और मिस्टर चटर्जी थे साथ में छोटा सी लेकिन महत्वपूर्ण भूमिका शादाब शरीफ का भी था । सभी कलाकारों ने बहुत बढ़िया काम किया है । एक मोड़ पर कहानी थोड़ी predictable हो जाती है क्योंकि दर्शक को कन्फ्यूज में डालने के लिए और किरदार बने ही नही गए । कहानी दमदार होती तो फिल्म का स्तर और ऊंचा हो जाता। कुल मिलाकर फिल्म ठीक ठाक ही है ।

तो कुछ इस तरह का रहा मेरा धाकड़ फिल्म देखने का अनुभव आपने भी देख ली तो अपना अनुभव हमे साझा करें।