अटल जी की जयंती के अवसर पर "दीप से लेकर कमल तक" विचार गोष्ठी का आयोजन अटल जी के त्याग, तपस्या, समर्पण के चलते ही आज भाजपा सत्ता में है - बृजमोहन

अटल जी की जयंती के अवसर पर "दीप से लेकर कमल तक" विचार गोष्ठी का आयोजन अटल जी के त्याग, तपस्या, समर्पण के चलते ही आज भाजपा सत्ता में है - बृजमोहन

भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आज अटल बिहारी वाजपेयी जी के जयंती के अवसर पर दीपकमल अटल स्मृति विशेषांक  के विमोचन एवं विचार गोष्ठी "दीप से कमल तक" को सम्बोधित करते हुए कहा है कि  अटल जी के कारण ही भाजपा आज यहां  तक पहुंची है। आज हम देश सहित अनेक राज्यो में सत्ता में है, इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ अटल जी के अथक परिश्रम, सोच व जनता की उनके प्रति आस्था का ही परिणाम है। अटल जी की त्याग, तपस्या,
बलिदान व विश्वनीयता के कारण ही देश की जनता ने हमे सार्थक रूप से स्वीकार किया है।  

श्री अग्रवाल ने कहा कि अटल जी ने कुर्सी की कभी चिंता नही की, सत्त्ता उनके लिए सिर्फ और सिर्फ सेवा का माध्यम था। वे हमेशा कहा करते थे कि सत्ता के लिए अगर सांसदों की खरीद फरोख्त करना पड़े ऐसी सत्ता को मैं चिमटी से भी छूना पंसद नही करूँगा। 
आज हम संसद में 2 से 300 के ऊपर पहुँचे हैं वह अटल जी के कठिन परिश्रम, जनता का उनके प्रति विश्वास, त्याग, तपस्या, बलिदान व समर्पण का ही परिणाम है।

श्री अग्रवाल ने कहा कि मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे 40 साल के राजनीतिक जीवन में तीन पीढ़ियों के साथ राजनीति में रहने का अवसर मिला है। मैंने अटल जी के साथ तीन-तीन, चार-चार दिनों की उड़ीसा की यात्राएं की है। उन्हें करीब से समझने, सुनने व जानने का अवसर मिला। अटल जी बहुत भावुक व व्यवहारिक नेताओ में थे। गंभीर से गंभीर व भावुक क्षणों को अपने कवि हृदय व व्यंग्यात्मक शब्दो के चलते हास-परिहास में परिवर्तित कर देते थे। मध्यप्रदेश में सुंदरलाल पटवा जी की सरकार जाने के बाद गांधी चौक में एक सभा थी अटल जी मंच पर थे और मैं अपनी पिछली सरकार की उपलब्धियां बता रहा था तभी अटल जी तपाक से बोले बृजमोहन जब इतना किए और इतनी बड़ी उपलब्धि थी तो भी सरकार बनी क्यों नही? अटल जी हमेशा कहते थे राजनीति सिर्फ सत्ता प्राप्ति के लिए नही बल्कि सेवा का माध्यम होना चाहिए। अटल जी ने राजनैतिक सुचिता की स्थापना की। वे एकमात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने पूरे देश के एक-एक जिलों को प्रवास के पैरों से नापा है।

श्री अग्रवाल ने कहा कि अटल जी ने  भाजपा के उत्थान के लिए तिल-तिल कर अपने शरीर को जलाया, 24 घंटे 365 दिन एक ही ध्येय राजनीतिक शुचिता के साथ  देश का सम्रग विकास। अटल जी के रग-रग में भारतीयता भरा हुआ था धोती कुर्ता व  हिंदी के प्रति उनकी अगाध प्रेम बहुत कम नेताओ में देखने को मिलता था वे एकमात्र नेता थे इन्हें सुनने विपक्षी भी शांति से बैठे रहते थे उनके सभाओं में आम जनता के साथ-साथ उनके आलोचक व विपक्षी भी उन्हें सुनने आते थे। उनके कहे एक-एक शब्द आज इतिहास में दर्ज हो गया है और वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में एक-एक कर सब सत्य साबित हो रहा है।


श्री अग्रवाल ने कहा कि आज के समय मे  लोग पॉजिटिव कम, निगेटिव को लोग ज्यादा पढ़ते है। दीपकमल में हमारे  अच्छाइयों के साथ ही साथ हमारे कमियों को भी अंकित करना चाहिए। छत्तीसगढ़  भाजपा का यह मुखपत्र हमारे विचारों, योजनाओं, कार्यक्रमो को कार्यकर्ताओं के साथ ही साथ जनता तक पहुचाने का सशक्त माध्यम बने। 

श्री अग्रवाल ने कहा कि सत्ता आते ही कार्यकर्ताओ की बाढ़ आ जाती है। हम 15 साल सत्ता में रहे उस दौरान कार्यकर्ताओं की बाढ़ आ गई थी। जो कार्यकर्ता बाढ़ में आये हो तो बाढ़ में बंध कर रहना भी सीखे।

कार्यालय में आज पार्टी कार्यकर्ताओं व नेताओं ने अटल जी के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया व अटल जी कि छत्तीसगढ़ से जुड़े यादों को ताजा करने एक छाया चित्र प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता भाजपा के प्रकाशन विभाग के राष्ट्रीय प्रमुख डॉ शिव सक्ति बक्शी जी, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, प्रदेशअध्यक्ष विष्णु देव साय, धरम लाल कौशिक, पवन साय, सुनील सोनी, संतोष पांडेय, राजेश मूणत, चंद्रशेखर साहू, ओ पी चौधरी, अशोक बजाज, सुभाष राव, श्रीचंद्र सुंदरानी, राजीव अग्रवाल, छगन मुंदड़ा, रमेश ठाकुर, ओकार बैस, संजय श्रीवास्तव, जयंती पटेल सहित सभी वरिष्ठनेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे।