भाजपा  सांसदों ने सदन में नहीं उठाई उसना चावल लेने और बारदाना देने का विषय भाजपा सांसदों की निष्क्रियता का परिणाम छत्तीसगढ़ के ढाई करोड़ जनता को उठाना पड़ा

भाजपा  सांसदों ने सदन में नहीं उठाई उसना चावल लेने और बारदाना देने का विषय    भाजपा सांसदों की निष्क्रियता का परिणाम छत्तीसगढ़ के ढाई करोड़ जनता को उठाना पड़ा

 प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसदो और राज्यसभा सदस्यों की निष्क्रियता स्पष्ट नजर आई है। सदन में भाजपा के 9 सांसदों ने छत्तीसगढ़ साथ किये जा रहे केंद्र सरकार के भेदभाव अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत नहीं दिखाई भाजपा के दो राज्यसभा सदस्य का भी वही हाल रहा है। कांग्रेस के सांसद और राज्यसभा सदस्यों ने जब छत्तीसगढ़ के ढाई करोड़ जनता के भावनाओं को सदन में रखा तब भी भाजपा के सांसद मौन व्रत धारण करके बैठे थे उस दौरान भी कांग्रेस के सांसदों का समर्थन नहीं किये। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संसद सत्र शुरू होने के पहले भाजपा के सांसदों एवं राज्यसभा सदस्यों को पत्र लिखकर सेंट्रल पुल में छत्तीसगढ़ से पूर्व की तरह ही उसना चावल लेने एवं छत्तीसगढ़ को आवश्यकता के अनुसार बारदाना देने के विषय को सदन में रखने अपील किए थे दुर्भाग्य की बात है भाजपा के सांसदों ने छत्तीसगढ़ के विषयों को सदन में नहीं रखा और सदन का सत्र अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित हो गया।


प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के सांसद एवं राज्यसभा के सदस्य छत्तीसगढ़ सीमा के भीतर छत्तीसगढ़ के किसानों आदिवासी वर्ग और छत्तीसगढ़ के कल्याण को लेकर घड़ियाली आंसू बहाते हैं। राजनीति करते हैं। लेकिन जिस मंच में छत्तीसगढ़ के किसानों आदिवासी वर्ग और छत्तीसगढ़ के कल्याण की बात को रखनी चाहिए मौन रहते हैं और छत्तीसगढ़ के साथ केंद्र सरकार के द्वारा किए जा रहे भेदभाव का समर्थन करते हैं। छत्तीसगढ़ में इस वर्ष 22 लाख 66 हजार किसानों से एक करोड़ 5 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है और केंद्र सरकार के द्वारा सेंट्रल पूल में 61 लाख मैट्रिक टन अरवा चावल लेने की अनुमति दी गई है। जबकि पूर्व में उसना चावल भी लिया जाता रहा है। छत्तीसगढ़ में 500 से अधिक उसना चावल के मिल है जो केंद्र सरकार के उसना चावल लेने नहीं लेने के फैसले से तालाबंदी के स्थिति में है और वहां काम करने वाले हजारों हाथ खाली हो रहे हैं। साथ ही राज्य के 50 प्रतिशत किसान जो उसना प्रकृति के धान पैदा करते हैं उनके सामने भी गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। केंद्र सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ के साथ निरंतर भेदभाव किया जा रहा है चाह किसानों के धान खरीदी का मसला हो जीएसटी एवं जीएसटी की क्षति पूर्ति राशि देने का मामला हो या प्रधानमंत्री आवास को अचानक रद्द करने का मामला हो केंद्र सरकार लोकतांत्रिक परंपराओं का निर्वहन नहीं कर रही है अपने उत्तरदायित्व कर्तव्य का पालन नहीं कर रही है और भाजपा के नेता सांसद छत्तीसगढ़ के साथ हो रहे अन्याय पर मौन है।