त्रिपुरा निकाय चुनाव में बीजेपी की जबरदस्त जीत, 222 में से 217 सीटें जीतीं

त्रिपुरा के शहरी स्थानीय निकायों में कुल 334 सीटें हैं, एएमपी के 51 वार्ड, 13 नगरपालिका परिषद और छह नगर पंचायत शामिल हैं.

त्रिपुरा निकाय चुनाव में बीजेपी की जबरदस्त जीत, 222 में से 217 सीटें जीतीं

त्रिपुरा में अगरतला नगर निगम (एएमसी) और 13 नगर निकायों की 222 सीट के लिए रविवार को मतगणना के बाद बीजेपी ने जबरदस्त जीत ने हासिल की है. बीजेपी ने कुल 222 सीटों में 217 सीटों पर जीत हासिल कर विपक्षी दल कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और अन्य को चारों खाने चित कर दिया.

त्रिपुरा निकाय चुनाव (Tripura Civic Polls) में बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की है. उसने 222 में से 217 सीटों पर चुनाव जीत लिया है. त्रिपुरा में शहरी निकाय, एएमसी के 51 वार्ड, 13 नगरपालिका परिषदों औऱ 6 नगर पंचायतों की कुल 334 सीटों पर चुनाव हुआ था. इसमें से शहरी निकाय चुनाव में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है. बीजेपी ने खोवाई नगर परिषद, कुमारघाट नगर परिषद, सबरूम नगर पंचायत और अमरपुर नगर पंचायत में भी जीत हासिल कर ली है. पार्टी कैलाशहर, तेलियामुरा, मेलाघर और बेलोनिया नगर परिषदों के अलावा धर्मपुर और अंबासा नगर पालिकाओं, पानीसागर, जिरानिया और सोनापुरा नगर पंचायतों में भी अपने प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ दिया है

राज्य में शहरी स्थानीय निकायों की 334 सीट हैं. सत्तारूढ़ भाजपा ने सभी सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं और उनमें से 112 पर निर्विरोध जीत हासिल की है.

  1. चुनाव में भाजपा के शानदार प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए पार्टी उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि त्रिपुरा नगर निकाय चुनाव के परिणामों ने पूर्वोत्तर राज्य में पैठ जमाने के तृणमूल कांग्रेस के दावों के ‘खोखलेपन' को उजागर कर दिया है और राज्य के लोगों को भाजपा पर भरोसा है. घोष ने त्रिपुरा में चुनाव प्रचार करने वाले तृणमूल (TMC) कार्यकर्ताओं को ‘भाड़े के लोग' बताया और कहा कि भाजपा तथा राज्य के लोगों के बीच ‘मजबूत संबंध' हैं.

  2. उन्होंने कहा कि तृणमूल त्रिपुरा में अपना खाता तब तक नहीं खोल सकती जब तक ‘भाजपा किसी सीट से उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला न करे.
  3. तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर धांधली का आरोप लगाते हुए मांग की है कि चुनावों को अवैध घोषित किया जाना चाहिए. माकपा ने भी एएमसी के पांच वार्डों में चुनाव रद्द करने की मांग की है. 
  4. BJP प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं से अनुशासन बनाए रखने को कहा है. भट्टाचार्य ने एक बयान में कहा, 'परिणामों की घोषणा के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को संगठनात्मक परंपरा का पालन करने के लिए कहा गया था.'
  5. पूरे राज्य में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त हैं. त्रिपुरा स्टेट राइफल्स और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के हजारों जवानों को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है, जहां मतगणना केंद्र स्थित हैं.
  6. त्रिपुरा में चुनाव के दौरान कई हिंसक घटनाएं देखने को मिली हैं. जहां, टीएमसी 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में पैर जमाने की कोशिश कर रही है.
  7. त्रिपुरा में चुनाव प्रचार कर रही तृणमूल कांग्रेस की नेता सयोनी घोष को 22 नवंबर को गिरफ्तार किया गया और उन पर हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया. एक दिन बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया.
  8. इस सप्ताह की शुरुआत में मतदान के दिन विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ता मोटरसाइकिल पर घूम रहे हैं और उनके उम्मीदवारों को धमका रहे हैं. माकपा और तृणमूल कांग्रेस ने भी आरोप लगाया कि सभी मतदाताओं को मतदान केंद्रों में प्रवेश नहीं करने दिया गया.