पहली बार उपचुनाव में कांग्रेस ने जारी किया घोषणा पत्र- रमन सिंह

खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में सियासी घमासान तेज हो चुका है. कांग्रेस और बीजेपी के बीच यहां कड़ा मुकाबला है. कांग्रेस के घोषणा पत्र पर बीजेपी उपाध्यक्ष और पूर्व सीएम रमन सिंह ने निशाना साधा है.

पहली बार उपचुनाव में कांग्रेस ने जारी किया घोषणा पत्र- रमन सिंह

रायपुर भाजपा जिला कार्यालय में आज पूर्व सीएम रमन सिंह ने प्रेसवार्ता की. खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव के लेकर कांग्रेस ने घोषणा पत्र जारी किया है. कांग्रेस के घोषणा पत्र जारी करने के बाद से ही लगातार भाजपा कांग्रेस सरकार को घेरने में लगी हुई है. इसी को लेकर पूर्व सीएम रमन सिंह ने आज प्रेस वार्ता की. प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि पहली बार मैंने देखा कि किसी सरकार ने उपचुनाव को लेकर घोषणा पत्र जारी किया है.

पूर्व सीएम रमन सिंह ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि खैरागढ़ उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सक्रियता, लगातार कार्यकर्ताओं के सम्मेलन और व्यापक जनसंपर्क के बाद जो वातावरण खैरागढ़ में दिख रहा है. वह भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में दिख रहा है. पूरा एकतरफा समर्थन भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी कोमल जंघेल के पक्ष में है. कांग्रेस के कार्यकर्ता अपने मुख्यमंत्री से प्रश्न कर रहे हैं कि हम किन मुद्दों को लेकर जनता के पास जाएं. साढ़े 3 साल बीतने के बाद भी खैरागढ़ में एक भी उपलब्धि, एक भी विकास के काम नहीं हुए हैं. जो भी काम विकास का खैरागढ़ में दिख रहा है, वह भाजपा के शासनकाल में हुआ है.

कांग्रेस के हमारे कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्र में जाकर जनता को समझाने में घबरा रहे हैं. उसका नतीजा सामने हैं. छत्तीसगढ़ ही नहीं देश के इतिहास में पहली बार होगा कि किसी उपचुनाव में मुख्यमंत्री एक उपचुनाव के लिए घोषणा पत्र जारी करते हैं. 15 साल मैं मुख्यमंत्री रहा. पूरे देश में मैंने देखा है कि घोषणा पत्र कभी उपचुनाव के लिए जारी नहीं होते. पार्टी का घोषणापत्र एक बार बनता है. इनका भी जन घोषणा पत्र एक बार बना था. साढ़े 3 साल निकलने के बाद भी जन घोषणा पत्र के वादे अधूरे हैं.

मुख्यमंत्री ने खैरागढ़ में 15000 गरीबों का आवास छीना है. आज मुख्यमंत्री से मेरा यही प्रश्न है कि अगर आपने 29 घोषणाएं की हैं, तो 30 कर देते जब घोषणा पूरा करना ही नहीं है तो कितनी भी घोषणाएं करें क्या फर्क पड़ता है. गरीबों की आवाज बनने के लिए मुख्यमंत्री को फुर्सत नहीं है और मुख्यमंत्री बड़ी-बड़ी घोषणाएं और बातें करते हैं