केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, फिटमेंट फैक्टर पर बड़ा ऐलान करेगी सरकार!

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, फिटमेंट फैक्टर पर बड़ा ऐलान करेगी सरकार!

केंद्र सरकार कर्मचारियों को जल्द ही दो बड़े तोहफे दे सकती है। एक बार फिर कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की गहमागहमी शुरू हो गई है। इसके साथ ही न्यूनतम वेतन वृद्धि की मांग भी जोर पकड़ रही है। रिपोर्ट्स की मानें तो कर्मचारियों की सैलरी 95,000 रुपये तक बढ़ सकती है। मोदी सरकार जुलाई में महंगाई भत्ता (DA) में बढ़ोतरी का ऐलान कर सकती है साथ ही फिटमेंट फैक्टर पर भी ऐलान होने की संभावना है।

सरकार अगर ये कमद उठाती है तो कर्मचारियों की सैलरी में बड़ी बढ़ोतरी होगी। बता दें कि अभी हाल ही में केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी। कहा जा रहा है कि सरकार एक बार फिर डीए में 4 फीसदी की बढ़ोतरी करेगी। इसके अलावा केंद्र फिटमेंट फैक्टर भी बढ़ा सकता है क्योंकि न्यूनतम वेतन बढ़ोतरी की मांग लंबे समय से की जा रही है।

7th Pay Commission: वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों का मूल वेतन 18,000 रुपये है और फिटमेंट फैक्टर में संशोधन के बाद मूल वेतन 21 हजार से 26 हजार रुपये प्रति माह तक पहुंच सकता है। रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि सरकार फिटमेंट फैक्टर को 3 से 3.68 गुना की दर से बढ़ा सकती है। फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी से कर्मचारियों को 8,000 रुपये तक मासिक लाभ मिल सकता है।

वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों को 2.57 प्रतिशत की दर से फिटमेंट फैक्टर की कैलकुलेशन कर वेतन दिया जाता है। कर्मचारियों की मांग है कि इसे बढ़ाकर 3.68 गुना किया जाए। अगर फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 3 गुना कर दिया जाए तो इससे कर्मचारियों के मूल वेतन में 35 हजार रुपए प्रति माह तक की बढ़ोतरी हो सकती है।

फिटमेंट फैक्टर आखिरी बार 2016 में बढ़ाया गया था जब सातवां वेतन आयोग लागू किया गया था। पहले कर्मचारियों का मूल वेतन 6,000 रुपये था, लेकिन इसे बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया। अब इसे फिर से बढ़ाने की मांग की जा रही है जिससे कर्मचारियों की सालाना सैलरी में 95000 रुपए तक बढ़ोतरी हो सकती है।

फिटमेंट फैक्टर आखिरी बार 2016 में बढ़ाया गया था जब सातवां वेतन आयोग लागू किया गया था। पहले कर्मचारियों का मूल वेतन 6,000 रुपये था और बढ़ोतरी के बाद यह 18,000 रुपये प्रति माह हो गया था। अब इसे फिर से बढ़ाने की मांग की जा रही है।