ब्रह्म को जानना गुरु के माध्यम से संभव

ब्रह्म को जानना गुरु के माध्यम से संभव

सद्गुरु धाम गौरखेड़ा तिल्दा नेवरा पंच दिवसीय राम रसायन महायज्ञ के चतुर्थ दिवस पर सिद्ध योगी सद्गुरु स्वामी कृष्णानंद जी महाराज ने आज अपने दिव्य उद्बोधन में कहा कि आज वर्तमान में ब्रह्म प्राप्ति का चर्चा बड़े जोर शोर से करते हैं क्या कहने वाला उस ब्रह्म को जानने का प्रयास किया है क्योंकि करोड़ों व्यक्ति में एकाध व्यक्ति ब्रह्म की प्राप्ति में सोचता है ऐसे करोड़ों सोचने वाले में एक उस ओर आगे बढ़ता है ऐसे करोड़ों उस ओर बढ़ने वालों में से एक समय के सद्गुरु की खोज करता है

तथा ऐसे असंख्य सद्गुरु की खोज वालों में एक को वह सद्गुरु प्राप्त होते हैं जिन्हें वह परमात्मा को एक ही एन्गीकार करवाते हैं यही सद्गुरु द्वारा मिलाया आत्मा और परमात्मा के मिलन को महारास कहते हैं 

जब वह आत्म व्यक्ति उस परमानंद परमात्मा का सानिध्य प्राप्त हो जाता है तो वह परमहंस हो जाता है जहां जहां जाओ सोई परिकरमा जो कछु करु सो पूजा वह संसार में रहकर भी सिद्ध , मुक्त हो जाता है इसलिए घर बार छोड़कर तीर्थ जंगल पहाड़ जाने की जरूरत नहीं होती बस सद्गुरु के चरणो में समर्पण आप पूर्ण फिर परमात्मा आपके पीछे पीछे घूमने लगता है

आयोजन सदविप्र समाज सेवा व सदगुरु कबीर सेना के संगठन आचार्य संतोष शर्मा ने जानकारी प्रदान कि 6 जनवरी को पूर्णाहुति उपरांत 7 जनवरी शनिवार को विशेष साधना प्रशिक्षण शिविर है जिसमें दिव्य गुप्त विज्ञान साधना सीख कर आप अपना व अपनों की सर्व समस्याओं का निराकरण कर सकते हैं आत्मा मोक्ष जगत हित की भावना से साधना सीख कर जाना है तथा समाज में समरसता हेतू जांत पांत से नाता तोड़ भाई से भाई का रिश्ता जोड़ो पर यह कबीर सेना काम करती है