पीएम को यह स्वीकार करना होगा कि उनकी डबल इंजन सरकार मणिपुर में हो गई विफल

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मणिपुर से लेकर विदेश नीति तक सरकार को घेरा

पीएम को यह स्वीकार करना होगा कि उनकी डबल इंजन सरकार मणिपुर में हो गई विफल

नई दिल्ली (एजेंसी)। मोदी सरकार मंगलवार यानी आज अपने दूसरे कायर्काल में पहले अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रही है। इस दौरान संसद में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मौजूद रहे। पहले कांग्रेस ने पुष्टि की थी कि सरकार के खिलाफ इस अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान राहुल पार्टी की ओर से मुख्य वक्ता की भूमिका निभाएंगे। जबकि अब कांग्रेस की ओर से गौरव गोगोई बहस कर रहे हैं।
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर मंगलवार को चर्चा हो रही है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अपने अविश्वास प्रस्ताव पर 35 मिनट स्पीच दी। इस दौरान उन्होंने मणिपुर से लेकर विदेश नीति तक सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को यह स्वीकार करना होगा कि उनकी डबल इंजन सरकार, मणिपुर में विफल हो गई । इसीलिए, मणिपुर में 150 लोगों से ज्यादा की मौत हुई है।
गोगोई बोले, 'राज्य के सीएम,जिन्हें बातचीत का, शांति और सद्भाव का माहौल बनाना चाहिए था। उन्होंने पिछले 2-3 दिनों में भड़काऊ कदम उठाए हैं जिससे समाज में तनाव पैदा हो गया है।' गोगोई ने भाषण की शुरुआत दोपहर 12.10 बजे की और दोपहर 12.45 बजे खत्म किया। पीएम मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब 10 अगस्त को दे सकते हैं।

गोगोई ने सरकार से पूछे 3 सवाल, जवाब भी दिए
1. प्रधानमंत्री मोदीजी मणिपुर क्यों नहीं गए। राहुल गए, इंडिया अलायंस के सांसद गए, गृहमंत्री गए।
2. अस्सी दिन क्यों लगे मणिपुर पर बोलने में। बोले तो सिर्फ 30 सेकंड बोले। आज तक संवेदना का कोई शब्द व्यक्त नहीं किया। प्रधानमंत्री होने के नाते उनके शब्दों का जो महत्व है, वो किसी मंत्री के शब्दों में नहीं है। शांति के कदम की शुरुआत पीएम करें तो वो अच्छा है, मंत्री के कदम में ये ताकत नहीं।
3.मणिपुर के मंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया। गुजरात में जब राजनीति करनी थी तो एक बार नहीं दो बार सीएम बदले। उत्तराखंड में 3 बार बदला, त्रिपुरा में बदला। मणिपुर के सीएम को क्या विशेष आशीर्वाद है, जो खुद स्वीकार कर रहे हैं कि इंटेलीजेंस फेलियर हुआ।
पीएम सदन में बात रखें, 3 याचनाएं कीं
पहली याचना: सदन में बात रखें, लोकसभा और राज्यसभा में भी जाएं। दूसरी याचना: मणिपुर जाएं और पूरी पार्टी को लेकर जाएं। आॅल पार्टी डेलिगेशन लेकर जाएंगे तो हम भी जाएंगे। तीसरी याचना: मणिपुर के समाजसेवी संगठनों को बुलाएं और मीटिंग करें।