मातृशक्ति ने जिस तरह रमन सरकार को उखाड़ फेंकी वैसे ही मोदी सरकार का भी हश्र करेगी
पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं विधायक धरमलाल कौशिक के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि जिस प्रकार मातृशक्ति ने 15 साल के आताताई कमीशनखोर भ्रष्टचार, अत्याचार के लिए जिम्मेदार रमन भाजपा सरकार को उखाड़ कर फेंक दी ठीक उसी तरह ही केंद्र की मोदी भाजपा की सरकार को भी उखाड़ फेंकेगी। भाजपा का चरित्र ही वादाखिलाफी करना और महिला अत्याचार पर मौन रहना है 15 साल तक छत्तीसगढ़ में महिलाएं असुरक्षित रही है आज महिलाएं सुरक्षित हुई है महिलाओं के साथ हो रहे घरेलू हिंसा और अन्य अपराधिक घटनाओं में कमी आई है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार की मुनाफाखोरी और गलत नीतियों के चलते प्रदेश के साथ-साथ देश की भी महिलाएं हताश और परेशान है रसोई गैस के दाम आसमान छू रहे हैं दूध दही अनाज दाल चावल जूता चप्पल काफी पुस्तक पर जीएसटी लिया जा रहा है मोदी सरकार के गलत नीतियों के चलते 1करोड़50लाख महिलाओं के हाथ से काम छीना गया है।बलात्कारियों के पक्ष में भाजपा के नेता खड़े रहते है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं विधायक धरामलाल कौशिक को महिला अपराध के विषय पर बयान देने से पहले पूर्व रमन सरकार के दौरान घटित अपराधिक घटनाओं का आत्मलोकन करना चाहिए एवं भाजपा शासित राज्यों में जिस प्रकार से महिला और बेटियों के ऊपर अत्याचार बढ़े हैं पॉक्सो एक्ट की घटनाएं बढ़ी है उसका भी स्मरण करना चाहिए दुखद स्थिति तो गुजरात में है जहां गैंगरेप के मामले में सजा काट रहे 11 बलात्कारियों को भाजपा की सरकार ने जेल से रिहा किया और भाजपा के नेता उन बलात्कारियों की चरण वंदना कर रहे थे तिलक लगा रहे थे मिठाई खिला रहे थे फूलों की माला पहनाकर स्वागत कर रहे थे।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भादवि के अपराध में छत्तीसगढ़ देश राज्यों की रैकिंग में 17वें स्थान पर है। उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश गुजरात, कर्नाटक, हरियाणा, आदि राज्य भादवि की रैकिंग में छत्तीसगढ़ से उपर है। भादवि के अपराध का राष्ट्रीय औसत प्रति लाख आबादी पर 251.2 है, जबकि छत्तीसगढ़ राज्य में प्रति लाख आबादी पर यह अपराध 238.2 है, जो राष्ट्रीय औसत से कम है। हत्या के अपराध वर्ष 2021 में राज्य में कुल 1007 है। प्रति लाख आबादी पर हत्या के अपराध की दर 3.4 है, जबकि झारखंड में यह औसत 4.1, हरियाणा में 3.8, असम में 3.4 है। राज्य में हत्या के संगठित अपराध नहीं हुये है। अपितु अधिकांश अपराध आपसी एवं पारिवारिक विवाद, क्षणिक उत्तेजना से घटित हुये है। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2021 में 2681 अपहरण के अपराध घटित हुये है। राष्ट्रीय स्तर पर इस अपराध में छत्तीसगढ़ 13वें स्थान पर है। असम, उड़िसा, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, राजस्थान प्रति लाख आबादी में होने वाले अपहरण के अपराध छत्तीसगढ़ से अधिक है।