दहेज के लिए प्रताड़ित करने वाले पति को 10 वर्ष की कठोर कारावास, सास ससुर को भी जेल, दुर्ग जिले से जुड़ा है मामला

दहेज के लिए प्रताड़ित करने वाले पति को 10 वर्ष की कठोर कारावास, सास ससुर को भी जेल, दुर्ग जिले से जुड़ा है मामला

भिलाई। विवाहिता को प्रताड़ित करने वाले पति समेत सास-ससुर और ननद को न्यायालय ने दोषी करार दिया है। प्रकरण में विवाहिता ने पति के खिलाफ अप्राकृतिक कृत्य की शिकायत दर्ज कराई थी। मामले में अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीसी) गणेश राम पटेल की अदालत ने पति को 9 वर्ष 10 माह के कठोर कारावास से दंडित किया है। जबकि सास-ससुर को 10-10 माह और ननद को 6 माह कारावास की सजा सुनाई है। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी पूजा मोगरे ने की। पीड़िता ने 7 मई 2016 को सुपेला थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़िता के मुताबिक उसकी शादी 16 जनवरी 2007 में निमिष अग्रवाल से हुई। शादी के बाद सास-ससुर और पति, पीड़िता को उसके पिता से हिस्सा मांगने को लेकर दबाब बनाने लगे। आए दिन उसे ताना भी मारते थे। इसके चलते उसके कहने पिता ने 2.5 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। इसके उनकी लालसा और बढ़ गई। इसके बाद बीएमडब्ल्यू कार की मांग करने लगे। 

दुर्ग जिला सत्र न्यायालय के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अपनी पत्नी से अननेचुरल सेक्स के लिए मजबूर करने के आरोपी को 9 साल की सजा सुनाई है। यह मामला दुर्ग व भिलाई शहर का हाई प्रोफाइल मामला रहा है। पीड़िता यहां के बडे़ बिजनेसमैन की पत्नी है। पीड़िता ने बताया कि उसकी शादी सन 2007 में भिलाई के बिजनेसमैन निमिष अग्रवाल से हुई थी। शादी के कुछ दिनों बाद ही ससुराल में उसे दहेज के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा। इतना ही नहीं उसका पति उसे अननेचुरल सेक्स के लिए मजबूर करता था। इस सबसे तंग आकर पीड़िता 2016 में ससुराल को छोड़कर मायके रहने आ गई। पीड़िता जब मायके आई तो उसकी गोद में एक बेटी थी। इसके बाद भी उसने सिंगल मदर के रूप में बेटी की परवरिश करने का निर्णय लिया और कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 

इस बीच पति उसकी इच्छा के विरुद्ध अप्राकृतिक कृत्य करने लगा। प्रकरण की न्यायालय में विचरण शुरू हुआ, जिसमें न्यायालय ने पति समेत सास-ससुर और ननद को दोषी पाया। अदालत ने पति निमिष अग्रवाल को धारा 377 में 9 साल 10 माह का कठोर कारावास और 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। ससुर सुनील अग्रवाल और सास रेखा अग्रवाल को धारा 323 में 10-10 माह की सजा और एक-एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया। जबकि ननद को धारा 323 में 6 माह का कारावास और एक हजार रुपए से दंड से दंडित किया।बाद में विवेचना के दौरान पीड़िता की ननद नेहा अग्रवाल का भी आरोपी के रूप में जोड़ा गया था। उक्त मामले की सुनवाई दुर्ग फास्ट ट्रैक कोर्ट में की गई। कोर्ट ने सारे सबूतों और बयानों के आधार पर पीड़िता के पति निमिष अग्रवाल को धारा 377 का अपराधी पाया, जिसमें उसे 9 साल के सश्रम कारावास और 10000 के अर्थ दंड की सजा सुनाई गई। इसके साथ ही धारा 323 के अधीन दंडनीय अपराध में 1 साल के सश्रम कारावास और 1000 के अर्थ दंड की सजा सुनाई गई।इसके साथ ही ससुर सुनील अग्रवाल, सास रेखा अग्रवाल को धारा 323 का दोषी मानते हुए 10 माह की कैद और 1000 के अर्थ दंड की सजा सुनाई गई। ननद नेहा अग्रवाल को धारा 323 का दोषी मानते हुए 6 माह की कैद और 1000 रुपए के अर्थ दंड की सजा सुनाई गई।