अज़ीम प्रेमजी जी फाउंडेशन के द्वारा बदलता परिवेश और युवाओं की भूमिका पर संवैधानिक मूल्यों को जोड़ते हुए चर्चा का आयोजन किया

अज़ीम प्रेमजी जी फाउंडेशन के द्वारा बदलता परिवेश और युवाओं की भूमिका पर संवैधानिक मूल्यों को जोड़ते हुए चर्चा का आयोजन किया

अज़ीम प्रेमजी जी फाउंडेशन के द्वारा बदलता परिवेश और युवाओं की भूमिका पर संवैधानिक मूल्यों को जोड़ते हुए चर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें  शासकीय नवीन महाविद्यालय के छात्र सम्मिलित रहे। छात्रों में से ही एक छात्र तुषार जसवानी की बनाई हुई फिल्म ' तू ठीक है ना ' दिखाई गई। इस कार्यक्रम में नवीन शासकीय  महाविद्यालय, अमलीडीह के प्राचार्य अविनाश लाल, सामाजिक कार्यकर्ता, थियेटर एक्टिविस्ट शेखर नाग की भागीदारी रही, साथ ही  छात्र-छात्राओं से बातचीत की गई। इस फिल्म को कॉलेज के छात्रों ने ही मिलकर बनाया है। फिल्म युवाओं के बीच बढ़ रही अवसाद की समस्या पर आधारित है। यह फिल्म बनाने मे यशराज शर्मा, करण साहू और अन्य छात्र ने साथ दिया । प्राचार्य अविनाश लाल ने छात्रों से आग्रह किया की वे स्वयं से भी बातें करें।  आज की कड़ी में आपने युवाओं से संवैधानिक मूल्य समानता, स्वतंत्रता जैसे मूल्यों को भी जोड़ा और कहा कि हम अपनी दैनिक क्रियाओं मेंभी इन मूल्यों को जोड़ें तो अलग ही समाज हमारे सामने होगा। शेखर ने अपनी बात में फिल्मों के माध्यम से समाज में  मूल्यों को भी स्थापित किया जा सकता है; जैसी बात को सामने रखा। बातचीत के अंत में छात्रों के साथ लिखने की प्रक्रिया भी करवाई गई।