मुख्यमंत्री से उप मुख्यमंत्री बनने का जो सफर है, उसके कारण फडणवीस फ्रस्ट्रेशन में हैं : भूपेश बघेल
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने वाला है। इसको लेकर तमाम सियासी दलों ने अपनी पार्टी के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। ऐसे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी अपनी पार्टी के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतरे हैं।
उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया के सामने जमकर भाजपा नेता और महाराष्ट्र की महायुति सरकार में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस का बयान लाल रंग को लेकर आया कि ये तो नक्सलियों का रंग है। ऐसे में पहली बात तो ये है कि लाल रंग से फडणवीस जी को तकलीफ क्यों हो रही है? जबकि, लाल रंग को देखें तो माता की चुनरी का रंग भी लाल है।
हनुमान जी- 'लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर', वो भी लाल है। खुसरो जी का प्रसिद्ध गीत है 'लाली मेरे लाल की, जित देखूं जित लाल, लाली देखन मैं गई, मैं भी हो गई लाल।' सूरज उगता है तो उसका रंग लाल, डूबता है तब भी उसका रंग लाल होता है। अभी छठ पूजा में डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। ऐसे में देवेंद्र फडणवीस जी को लाल रंग से इतनी तकलीफ क्यों हैं।
भूपेश बघेल ने कहा कि दरअसल, मुख्यमंत्री से उप मुख्यमंत्री बनने का जो सफर है उसके कारण फडणवीस जी फ्रस्ट्रेशन में हैं। इसी फ्रस्ट्रेशन के कारण वो ऊल-जलूल बातें कर रहे हैं। नक्सलियों ने सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस पार्टी को पहुंचाया है, उतना किसी को नहीं किया गया है। छत्तीसगढ़ में हमारी कांग्रेस पार्टी के प्रथम पंक्ति के जो नेता थे, उनके साथ पार्टी के संबद्ध 29 लोगों की नक्सली हमले में शहादत हुई है। और, वह हमको नक्सली कह रहे हैं। दूसरी बात नक्सली भारत के संविधान को नहीं मानते हैं। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी है, वह संविधान को बदल देना चाहती है। ऐसे में समानता तो इसमें हैं।
उन्होंने आगे कहा कि इसी महाराष्ट्र में लोकतंत्र को तार-तार कर दिया गया, दो-दो पार्टियों को तोड़ दिया गया। यहां महायुति सरकार ही संविधान के उल्लंघन से बनी है, खुद सुप्रीम कोर्ट ने ये बात मानी है। ऐसे में नक्सली और भारतीय जनता पार्टी में समानता है। क्योंकि नक्सली संविधान को मानते नहीं और ये संविधान को खत्म करना चाहते हैं।