अमेरिका में शटडाउन से सरकारी कामकाज ठप, फंडिंग बिल पास नहीं करा पाए ट्रंप

अमेरिका में शटडाउन से सरकारी कामकाज ठप हो गया है। ट्रंप फंडिंग बिल पास नहीं करा पाए। अमेरिकी राष्ट्रपति को सीनेट से इस बिल को पास कराने के लिए 100 सदस्यों वाले सीनेट में 60 वोटों की दरकार थी। रिपब्लिकन पार्टी के पास भले ही सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स, दोनों का नियंत्रण है, पर फंड बिल पास करने के लिए उनके पास सात वोट कम हैं।
अगर इस बिल को पास कराना था, तो उसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति को डेमोक्रेट सांसदों के वोट की भी जरूरत थी। हालांकि, डेमोक्रेट्स पार्टी ने उनके समर्थन में वोट नहीं दिया।
डेमोक्रेटिक नेताओं ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की, लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए। मुलाकात के कुछ घंटों बाद, ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक एआई-जनरेटेड वीडियो शेयर किया, जिसमें सदन के अल्पसंख्यक नेता हकीम जेफ्रीज और सीनेट के अल्पसंख्यक नेता चक शूमर का मजाक उड़ाया गया।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने मंगलवार को डेमोक्रेट्स पर आरोप लगाना जारी रखा और कहा कि उन्होंने "उन्हें जरा भी झुकते नहीं देखा।"
शटडाउन के दौरान उन्होंने संघीय कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की भी धमकी दी। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, "जब आप इसे बंद करते हैं, तो आपको छंटनी करनी पड़ती है, हम बहुत से लोगों को नौकरी से निकाल देंगे।"
बता दें, डेमोक्रेट इस साल की शुरुआत में पारित हुए "बिग ब्यूटीफुल बिल" में स्वास्थ्य सेवा में कटौती को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
बता दें, रिपब्लिकन पार्टी ने डेमोक्रेट्स की मांगों से असहमति जताते हुए 21 नवंबर तक फंडिंग बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, रिपब्लिकन सीनेट और प्रतिनिधि सभा दोनों पर कंट्रोल रखते हैं, लेकिन फिर भी सीनेट में उनके पास सात वोट कम हैं।
इससे पहले अमेरिका में शटडाउन ट्रंप के पहले कार्यकाल में हुआ था और 35 दिनों तक चला था - जो इतिहास में सबसे लंबा था।
सीमा सुरक्षा, कानून प्रवर्तन और हवाई यातायात नियंत्रण जैसी आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी, जबकि खाद्य सहायता कार्यक्रम, सरकारी वित्त पोषित प्री-स्कूल, खाद्य निरीक्षक और राष्ट्रीय उद्यानों में संचालन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
यदि शटडाउन लंबे समय तक जारी रहता है, तो हवाई यात्रा को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि उनमें से कई कर्मचारियों को बिना वेतन के काम करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा और वे ड्यूटी पर रिपोर्ट नहीं कर पाएंगे।