कोल लेवी घोटाला: EOW ने जयचंद कोशले के खिलाफ पेश किया 1000 पेज का चालान
छत्तीसगढ़ के चर्चित अवैध कोल लेवी वसूली मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने आरोपी जयचंद कोशले के खिलाफ लगभग 1,000 पेज का अभियोग पत्र विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) रायपुर में दाखिल किया है। जयचंद कोशले फिलहाल केंद्रीय जेल रायपुर में निरुद्ध है।
ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया है कि जयचंद कोशले इस पूरे अवैध कोल लेवी नेटवर्क की एक अहम कड़ी था। वह न सिर्फ अवैध रूप से वसूली गई रकम को भौतिक रूप से प्राप्त करता था, बल्कि उसे तत्कालीन मुख्यमंत्री सचिवालय की अधिकारी सौम्या चौरसिया तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी निभाता था। जांच एजेंसी के अनुसार, वह अपराध से अर्जित धन की रिसीविंग, कस्टडी और ट्रांसफर की प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका में रहा।
ईओडब्ल्यू ने जयचंद कोशले के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 420, 384, 467, 468, 471 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित 2018) की धारा 7, 7ए और 12 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।
जांच के अनुसार, जयचंद कोशले उर्फ ‘जय’ सौम्या चौरसिया के अधीन कार्यरत था और मुख्यमंत्री सचिवालय में निज सहायक के पद पर पदस्थ रहा। जब्त की गई डायरी में “जय” नाम से दर्ज प्रविष्टियां इसी आरोपी से संबंधित पाई गई हैं, जो अवैध लेन-देन की पुष्टि करती हैं।
ईओडब्ल्यू का दावा है कि आरोपी सौम्या चौरसिया के निर्देश पर सूर्यकांत तिवारी के निवास सहित अन्य स्थानों से नगद राशि प्राप्त करता था और उसे मनीष उपाध्याय या सौम्या चौरसिया द्वारा बताए गए व्यक्तियों तक पहुंचाता था। अवैध कोल लेवी वसूली से उसने करीब 7 से 8 करोड़ रुपये सौम्या चौरसिया के लिए प्राप्त किए।
डिजिटल साक्ष्यों की जांच में भी आरोपी की भूमिका की पुष्टि हुई है। सूर्यकांत तिवारी और अन्य आरोपियों के मोबाइल से जब्त व्हाट्सएप चैट्स और रियल टाइम एंट्री ग्रुप में “जय” नाम से जुड़ी कई प्रविष्टियां मिली हैं। इसके अलावा, अनिल टुटेजा और सौम्या चौरसिया के बीच हुए चैट्स में भी जयचंद कोशले द्वारा गोपनीय फाइलें और दस्तावेज पहुंचाने के प्रमाण मिले हैं।
ईओडब्ल्यू के अनुसार, जयचंद कोशले ने अवैध रूप से अर्जित धन का एक हिस्सा स्वयं के लिए भी उपयोग किया। इस राशि से उसने अपने और अपने परिजनों के नाम पर संपत्तियां खरीदीं। इन संपत्तियों की जांच अभी जारी है।
गौरतलब है कि इस प्रकरण में पहले ही 18 आरोपियों के खिलाफ चालान और पूरक चालान पेश किए जा चुके हैं। अब तक कुल 20 आरोपियों के विरुद्ध अभियोग पत्र दाखिल किया जा चुका है। मामले में अन्य संभावित आरोपियों की जांच अभी जारी है।