इप्टा की "ढाई आखर प्रेम की सांस्कृतिक यात्रा" का तीसरा दिन

इप्टा के साथी आज़ादी के आंदोलन में भी और उसके बाद भी लगातार हर तरह के जुल्म और ज्यादती के खिलाफ़ आवाज बुलंद करते रहे हैं ।

इप्टा की "ढाई आखर प्रेम की सांस्कृतिक यात्रा"  का तीसरा दिन

देश में अमन कायम हो और प्रेम की संस्कृति का प्रसार हो यही इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा का उद्देश्य है!चांपा:-  आजाद हिंदुस्तान का स्वप्न जिन्होंने भी देखा चाहे वो गाँधी हों, नेहरू हों, भगत सिंह हों, अम्बेडकर हों या देश की आज़ादी के लिए मर मिटने वाले लाखों अंजान देशभक्त सभी का स्वप्न एक भले न हो पर धारा एक थी कि समता, भाईचारा, न्याय और बंधुत्व की मूल भावना के साथ देश का निर्माण हो और इसी मार्ग पर चलते हुए देश आगे बढ़े, लेकिन आज जब हम इन मानव मूल्यों को केंद्र में रखकर अपने देश की बात करते हैं तो हमें नफ़रत, साम्प्रदायिकता का बोलबाला दिखाई देता है। 

 इप्टा की यात्रा नफ़रत और साम्प्रदायिकता के खिलाफ़ जनता के बीच प्रेम, मोहब्बत और भाईचारे का बीज बो रही है।  यह बात झारखण्ड इप्टा के महासचिव शैलेन्द्र ने  में “इप्टा की ढाई आखर प्रेम की सांस्कृतिक यात्रा" के उद्देश्य को लेकर कही।  

आज़ादी के 75वें साल के अवसर पर देश की जनता के बीच प्रेम, सद्भाव और भाईचारे की संस्कृति का संदेश देते हुए भारतीय जन नाट्य संघ ‘इप्टा’ द्वारा निकाली जा रही "ढाई आखर प्रेम की सांस्कृतिक यात्रा" तीसरे दिन रायपुर से दामाखेड़ा और बिलासपुर होते हुए जांजगीर -चांपा पहुंची।

इस मौके पर स्वतंत्रता आंदोलन में इप्टा की भूमिका को लेकर इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव राकेश वेदा ने कहा कि इप्टा से जुड़े कई स्वतंत्रता सेनानी अंग्रेजी हुकूमत के अन्याय और अत्याचार का विरोध करते हुए कई बार जेल गए।  बंगाल के भीषण अकाल के दौरान इप्टा ने देश भर में कला के माध्यम से अकाल पीड़ितों की सहायता के लिए मदद जुटाने का काम किया।  देश की जनता को बताया कि बंगाल भूखा है और यह दैवी प्रकोप के चलते नहीं बल्कि अंग्रेज सरकार की अमानवीयता के चलते, कालाबाजारी के चलते, आप अकाल पीड़ित जनों की मदद कीजिये।   इप्टा के साथियों ने जनता को झकझोरने का काम किया, जगाने का काम किया।  

राकेश वेदा ने बताया कि स्वतंत्रता सेनानी और नाटककार राजबली यादव को याद करते हुए बताया कि यादव 1942 में आज़ादी के आंदोलन में शामिल हुए और अंग्रेज सरकार ने भरी बरसात में उनका घर ढहा दिया गया और उनकी मा भींगती रहीं और गांव का कोई भी व्यक्ति उनकी सहायता के लिए नहीं आया।  राजबली यादव पकड़े गए और बाद में जेल से छूटने के बाद भी उन्होंने लड़ाई जारी रखी।  आज़ादी के बाद जमीदारी प्रथा के खिलाफ़ लड़ते हुए जेल गए।  उन्होंने ‘धरती हमारी है नाटक’ की रचना की और सैकड़ों बार इस एकल नाटक का प्रदर्शन किया।  इप्टा के दूसरे साथी राजेंद्र रघुवंशी से जुड़े किस्से के जिक्र के साथ राकेश ने बताया कि इप्टा के साथियों की एक लम्बी फेहरिस्त है आज़ादी के आंदोलन में अपना योगदान देने कि और आज़ादी के बाद भी लगातार हर तरह के जुल्म और ज्यादती के खिलाफ़ आवाज बुलंद करने की। 
बिलासपुर से आते हुए कचहरी चौक जांजगीर में इप्टा के साथियों द्वारा जन गीत एवं नुक्कड़ नाटक कर देश की वर्तमान परिस्थितियों से लोगों को अवगत कराया! उसके बाद काफिला चांपा के लिए रवाना  हुआ! चांपा के छत्रपति शिवाजी इंडोर हाॅल में कार्यक्रम की शुरुआत यात्रा में चल रहे इप्टा के साथियों द्वारा जनगीत की प्रस्तुति के साथ हुई।  इसके बाद किशोर कलाकार राघव दीक्षित ने छत्तीसगढ़ राजकीय गीत को बासुरी वादन के माध्यम से मनमोहक प्रस्तुति दी!  सूफी भजन गायक नरेन्द्र पाल ने भजनों की प्रस्तुति दी।  रेखा देवार और उनके साथियों ने छत्तीसगढ़ी लोक गायन की प्रस्तुति दी। 
 कार्यक्रम के आखिर में नाचा थियेटर के साथियों ने गीतों और नृत्य व संवादों के संयोजन के साथ छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति का नाट्य रूप गम्मत की प्रस्तुति दी।  कार्यक्रम का संचालन इप्टा सचिव शिव नामदेव ने किया एवं  चाम्पा इप्टा से शिव नामदेव,विजय पटेल,कैलाश पटेल,नंदकिशोर यादव ने प्रेम-मोहब्बत,देशप्रेम व जनगीतों से समां बांधा! चांपा की इप्टा इकाई के समस्त साथियों द्वारा अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया।    

रायपुर से चांपा के बीच में सांस्कृतिक यात्रा कबीर के धाम दामाखेड़ा, सरगांव बिलासपुर, कचहरी चौक जांजगीर में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देते हुए और जनता से संवाद करते हुए चांपा पहुंची।

आपको बता दें कि रायपुर से 9 अप्रैल को शुरू हुई इप्टा की "ढाई आखर प्रेम की सांस्कृतिक यात्रा" झारखंड,बिहार,उत्तरप्रदेश से होते हुए मध्यप्रदेश पहुंचेगी और इंदौर में 22 मई को समापन होगा।

चाम्पा इप्टा अध्यक्ष-जीवन लाल यादव
सचिव-शिव नामदेव
सहसचिव-विजय पटेल
कोषाध्यक्ष-रघुनंदन सोनी,
कैलाश पटेल,नंदकिशोर यादव,श्रीमती आशा सोनी, प्रवीण राज,
वरिष्ठ साथीगण पूर्व जिला सचिव एस.डी.महंत,भाकपा जिलासचिव एस.एन.कमलेश,अ.भा.किसान सभा अध्यक्ष-केराराम मन्नेवार ,राजेश शुक्ला,ओमशरण सिंह,मनोहर कहरा,देवेन्द्र खाण्डेकर राजमिस्त्री यूनियन,आटो यूनियन प्रदेश अध्यक्ष-सुधीर यादव,ललित दास ,सलीम,आंगनवाडी प्रदेश अध्यक्ष-नसीम बानो,महासचिव-रानू वैष्णव,अनुराधा शुक्ला,श्रीमती लक्ष्मी देवांगन,श्रीमती हीराकुंवर,पिंकी सिंह,काजल कोशले,योगिता देवांगन,रिषभ श्रीवास्तव साथियों की विशेष उपस्थिति रहीं!