जेसीसीजे ने खैरागढ़ उप चुनाव के परिणाम से पहले ही मानी हार, बताई ये खास वजह
जेसीसीजे अध्यक्ष अमित जोगी ने खैरागढ़ उपचुनाव के परिणाम आने से पहले ही हार मान ली है. उन्होंने रायपुर में इस तरह का बयान देकर सबको चौंका दिया है.
छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ में हाल ही में हुए उपचुनाव के परिणाम अभी आने बाकी हैं. परिणाम आने से पहले ही जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने अपनी हार स्वीकार कर ली है. पार्टी अध्यक्ष अमित जोगी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पार्टी अध्यक्ष होने के नाते मैं खैरागढ़ उप-चुनाव की हार की सम्पूर्ण जवाबदारी लेता हूं. मुझे पूरा विश्वास है कि अगले साल (2023) के सामान्य चुनाव में खैरागढ़ की जनता हमें चुनेगी. बशर्ते कि हम आगामी एक साल में सरकार के खिलाफ जनहित के मुद्दे उठाने में दोनों राष्ट्रीय दलों से अधिक सक्रिय रहें.
पार्टी अध्यक्ष अमित ने बताया कि, JCCJ की केंद्रीय संसदीय मंडल खैरागढ़ राज परिवार के अभूतपूर्व योगदान के इतिहास का सम्मान करता है. इसी के तहत पार्टी ने स्वर्गीय देवव्रत सिंह की सबसे छोटी बहन राजकुमारी आकांक्षा सिंह सोनी को अपना अधिकृत प्रत्याशी बनाने का निर्णय लिया था. लेकिन पारिवारिक कारणों से राजकुमारी आकांक्षा ने खुद की जगह अपने पति और देवव्रत सिंह के सबसे छोटे दामाद नरेंद्र सोनी को मैदान में उतारने का निर्णय लिया. क्योंकि वे पिछले 6 महीनों से पृथक खैरागढ़ जिला की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे थे.
पार्टी अध्यक्ष ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि खैरागढ़ उपचुनाव को लेकर नरेंद्र सोनी के नाम की घोषणा होते ही पार्टी के भीतर उनका विरोध हुआ. खैरागढ़ क्षेत्र के तीनों ब्लॉक अध्यक्षों ने पुरजोर विरोध करते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया. साथ ही पार्टी के चुनाव संचालक सरदार जरनैल सिंह भाटिया और जिला अध्यक्ष विष्णु लोढ़ी संसदीय मंडल के इस निर्णय के विरुद्ध खुद को प्रचार अभियान से पृथक कर लिया. उनके इस निर्णय से हमें अपूर्णीय क्षति पहुंची है. उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव में खैरागढ़ की जनता हमें निश्चित तौर पर चुनेगी.