भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी बाजपेई जी को समर्पित ????????
Premdeep
चांद जैसा जिसका चेहरा।
अटल का रूप ऐसा सुनहरा।।
हृदय जिसकी थी सागर से गहरी।।
देश प्रेम में था वह पागल।
बुद्धि थी सूरज से तेज।
कमल चिन्ह की थी उनकी सेज।।
विचार उनके थे इतने बड़े।
हिमालय का पर्वत जैसे हो खड़े।।
मानवता का था,वह ऐसी मूर्ति।
दुनिया में अटल की रहेगी विभूति।।