अनवरत नेक कार्य से जीतेन्द्र सिंगरौल को मिली नई पहचान

अनवरत नेक कार्य से जीतेन्द्र सिंगरौल को मिली नई पहचान

डॉ. जीतेंद्र सिंगरौल छत्तीसगढ़ राज्य के प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ताओं में से एक हैं। डॉ. जीतेंद्र सिंगरौल एक सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक, विचारक और संघर्षपूर्ण जीवन के धनी हैं। डॉ. जीतेन्द सिंगरौल, बिलासपुर जिला के तखतपुर विकासखण्ड के गॉव मोछ में कुर्मी-किसान परिवार के श्रीमति नगमत देवी व देवनाथ सिंगरौल के सुपुत्र है। डॉ.जीतेन्द्र एक चिकित्सा वैज्ञानिक के साथ कम्प्यूटर ईंजीनियर व समाजसेवी भी है। डॉ. सिंगरौल शुरू से ही मेघावी रहे है एवं विद्यार्थी जीवन में पहली से कक्षा 10 वीं तक विकासखण्ड तखतपुर के केन्द्रों में विशेष स्थान प्राप्त करते रहे एवं लगातार पहली से स्नातकोत्तर सूचना प्रौद्योगिकी की पड़ाई तक प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होते रहे है। किसान पुत्र होने के कारण छत्तीसगढ़ प्रदेश में वर्ष 1998 से बार-बार अकाल की स्थिति में कृषि व्यवस्था चौपट होने पर डॉ. सिंगरौल को विद्यार्थी जीवन के दौरान आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा, जिसके चलते इलेक्ट्रॉक्सि दुकान में टी. व्ही./रेडियो सुधारने का पार्ट टाईम काम करके अपने स्नातक एवं स्नातकोत्तर की पढाई पूरी किए। सन् 2000 में सूचना प्रौद्योगिकी के विशेष मांग के समय पर सूचना प्रौद्योगिकी के विद्यार्थी होने के बाद भी विदेश की रूख न लेकर अपने स्वर्णिम समय के ढाई वर्ष 15-35 वर्ष के ग्रामीण युवाओं के बीच बिताया। इसके लिए इन्होने नेहरू युवा केन्द्र संगठन (नेयुके ) बिलासपुर के राष्ट्रीय सेवा कर्मी के रूप में स्वयं सेवक की भूमिका में ग्रामीण युवाओं को रचनात्मक व व्यवसायिक कार्य में जोड़ने व उनकी दक्षता बढाने के लिए काम किए। नेयुके के स्वयं सेवक के रूप में अपने ग्राम के जन जागृति युवा मण्डल व कुरूकामाक्षा युवा मण्डल गिरधौना का पुनर्गठन कर आसपास के निष्कृय व दिशा-विहिन ग्रामीण युवा को रचनात्मक व व्यवसायिक दिशा दिए। इस दौरान विकासखण्ड तखतपुर व मंगेली के 372 युवा/महिला मण्डल गठन व पुनर्गठन कर जागरूकता अभियान, सिलाई-कड़ाई , विधिक साक्षरता व अंतर्विभागीय मदद से मोटर वाईडिंग का प्रषिक्षण जैसे अनेक काम डॉ सिंगरौल को युवाओं के पथ प्रदर्षक बना दिए। वर्ष 2001 के दौरान छत्तीसगढ़ प्रदेश में सुखा अकाल की स्थिति के दौरान कृषि आधारित व्यवस्था के कारण लोग पलायन कर रहे थे ; ऐसे विकट परिस्थियों में शासन के विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को युवाओं के टोली के साथ लोगों तक पहुचाने में एक सच्चे सिपाहियों की भूमिका निभाए व युवाओं के माध्यम से जल स्थरीकरण कार्य, श्रमदान व अनेक विकासात्मक कार्य आपके नेतृत्व में संपादित हुए है। यही नहीं, डॉ. सिंगरौल के नेतृत्व में भारत सरकार, खेल एवं युवा मंत्रालय द्वारा इनके स्वयं सेवक के कार्यकाल में 5 समितियों को युवा विकास केन्द्र, 3 समितियों में ग्रामीण खेलकूद क्लब एवं 1 सूचना केन्द्र स्थापित करवाकर पूरे प्रदेश में नेहरू युवा केन्द्र बिलासपुर को ऊंचे आयाम में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाए। डॉ. सिंगरौल के इस कार्य को देखने के लिए नेहरू युवा केन्द के साथ भारत सरकार के अधिकारीगण, योजना आयोग के लोग इनके कार्यो की प्रशंसा कर चुके है। इसके अलावा डॉ. सिंगरौल राज्य स्वास्थ्य संसाधन केन्द्र से जुड़कर भारत के सबसे बड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रम “मितानिन कार्यक्रम“ में सक्रिय होकर महिलाओं की फौज तैयार करने एवं महिलाओं की दक्षता निर्माणकर उनमें नेतृत्व गुण पैदा करने में अहम भूमिका अदा किए है। 

सामाजिक कार्य/दायित्व:-
पढ़ाई जीवन से ही समाज में व्याप्त कुरीतियों के प्रति आपका ध्यान गया और इसे दूर करने के लिए युवाओं का संगठन तैयार करके गांव-गांव में बैठकों के माध्यम से जागरूकता करने के लिए आंदोलन किए। आप सिंगरौल कूर्मि ईकाई के प्रथम युवाध्ययक्ष के रूप में गांव से लेकर राज स्तर तक सषक्त युवाओं की संगठन तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। समाज में दहेज रूपी दानव को दूर करने के लिए सामुहिक विवाह का आयोजन करने में अहम भूमिका निभाकर 19 जोडों का आदर्ष विवाह सम्पन कराए। यही नहीं अपने माता-पिता के एकलौते वारिस होने के बावजूद स्वयं के आदर्ष विवाह करके युवाओं का प्रेरणा स्रोत बने तथा फिरका जोड़ने के लिए आपने खुद चंद्राकर कुर्मी में विवाह करके समाज में फिरका विवाह की संकीर्णता को दूर किए। अन्य फिरका से विवाह आयोजित करने पर आपकों अपने रिस्तेदारों के साथ पूरे सिंगरौल फिरका का कोपभाजन बनना पड़ा एवं प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा, फिर भी आपने हिम्मत नहीं हारे और दिन प्रतिदिन समाज विकास के कार्य में जुटे रहे तथा कूर्मि समाज के विकास हेतु राज्य एवं राष्ट्रीय जिम्मेदारी का निर्वहन करके समाज में अपनी अमिट छाप छोड़े है।

प्रमुख उपलब्धियां
विद्यार्थी जीवन से डॉ. सिंगरौल को लगातार समाजसेवा करने हेतु भारत सरकार, खेल एवं युवा मंत्रालय द्वारा युवा जगत् के सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार “राष्ट्रीय युवा पुरस्कार 2007-08” व इंदिरा गॉधी राष्ट्रीय पुरस्कार वर्ष 2000-01 (दोनों 25 वर्ष से कम उम्र के समाजसेवी युवाओं को दिय जाने वाली विशेष पुरस्कार है) से नवाजे जा चुके है एवं इनको जिला प्रशासन बिलासपुर द्वारा जिला के सर्वश्रेष्ठ जिला युवा पुरस्कार भी प्राप्त होने का गौरव प्राप्त है। ग्रामीण प्रतिभा के मिसाल के रूप में माने जाने वाले डॉ. सिंगरौल, कक्षा आठवीं में विशेष योग्यता के साथ मध्यप्रदेश शासन से ग्रामीण प्रतिभावान् छात्रवृति विजेता भी रहे है। समाजसेवा में विशेष लगाव होने के कारण विज्ञान के विद्यार्थी होने के बाद भी कक्षा 11 वीं से लगातार सूचना प्रौद्योगिकी के स्नात्तकोतर डिग्री तक राष्ट्रीय सेवा योजना परिवार के जुड़कर अपने गृह ग्राम एवं आसपास ग्रामीण शाला त्यागियों युवाओं को इंदिरा गॉधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करना, श्रमदान से अनेक रचनात्मक कार्य के साथ ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित करते आ रहे है। इसी प्रकार विभिन्न निःस्वार्थ समाजसेवी कार्य को मान्यता प्रदान करने के लिए मानव संसाधन के खेल एवं युवा कल्याण विभाग, भारत शासन द्वारा वर्ष 2000-01 में राष्ट्रीय सेवा योजना के सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार “ इंदिरा गॉधी राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार” से नवाजे गए। डॉ. सिंगरौल को उनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए जैसे युवा विकास, समाज सेवा, महिला सशक्तिकरण इत्यादि के क्षेत्र में सम्मानित हुए हैं और उन्हें “राष्ट्रीय युवा पुरस्कार ” व इंदिरा गॉधी राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजे जा चुके है। डॉ. सिंगरौल के प्रमुख उपलिब्धियां निम्नानुसार है:-

प्रमुख पुरस्कार
• वर्ष 2011 में जापान देश में सूचना तकनीकी एवं संचार नीति पर युवाओं के प्रतिनिधि और तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में शामिल होने का गौरव प्राप्त है।
• वर्ष 2012 में चीन देश में अनुभव यात्रा के दौरान 100 सदस्यीय दल में युवाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए बीजिंग, शेन्यान व इनर मंगोलिया इत्यादि प्रांतो में उद्यमिता विकास के मुद्दों पर सहभागिता करने का गौरव प्राप्त है।
• भारत सरकार, खेल एवं युवा  मंत्रालय द्वारा अमृतसर, पंजाब में युवा जगत् के सर्वश्रेेष्ठ पुरस्कार “राष्ट्रीय युवा पुरस्कार” 2007-2008 से नवाजे जा चुके है।
• समाजसेवा के क्षेत्र में इंदिरा गॉधी राष्ट्रीय पुरस्कार वर्ष 2000-01 कोें नई दिल्ली  में भारत शासन से नवाजे जा चुके है।
• राष्ट्रीय युवा नीति-2003, तिरूअनंतपुरम् में युवा सांसद के रूप में युवाओं का प्रतिनिधित्व करने का गौरव प्राप्त है।
• गुरूघासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय में आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ में विशेषज्ञ के रूप में सदस्य होने का गौरव।
• पं. रविशंकर व गुरूघासीदास विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना सलाहकार प्रकोष्ठ के सदस्य होने का गौरव।
• “राष्ट्रीय युवा पुरस्कार ” व इंदिरा गॉधी राष्ट्रीय पुरस्कार दोनों पुरस्कारधारी होने का राज्य में एकेले गौरव प्राप्त है। 
• गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय से राष्ट्रीय सेवा योजना में ए, बी एवं सी तीनों प्रमाण पत्र धारी होने का एकेले गौरव प्राप्त है।
• ग्रामीण प्रतिभावान छात्रवृत्ति 1992-96 तक, स्कूल षिक्षा विभाग म.प्र. शासन द्वारा पुरस्कृत।
• ग्रामीण युवाओं को रचनात्मक क्षेत्र में जाड़ने के लिए बिलासपुर जिला से सर्वश्रेष्ठ जिला युवा पुरस्कार 2003 में राज्य शासन से नवाजे जा चुके है।
• जेसीआई ”राज्य युवा प्रतिभा सम्मान 08“ जेसीआई रायपुर सिटी जोन-प्ग् छत्तीसगढ़। 
• “समाज गौरव सम्मान 2006“ छत्तीसगढ़ कूर्मि मित्रमंडल भिलाई नगर।
• “समाज विभूति सम्मान 2009“ छत्तीसगढ़ कूर्मि चेतना मंच।
• “राष्ट्रीय सेवा कर्मी सम्मान‘‘ अरपापार पेंशनर्स एसोशिएशन सरकण्डा ,बिलासपुर।

आपने अपने विद्यार्थी जीवन में विविध सामाजिक कार्यों में भी भाग लिया है और उनके लिए नागरिक अधिकार और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर काम करना आपके जिंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।  आपके व्यक्तित्व में अनुशासन, समर्पण और संघर्षपूर्ण अनायाश दृष्टिगोचर होता है साथ व्यक्तित्व एक बहुत उदार, समाजसेवी और सहानुभूति भरा है। आप लोगों की अनवरत मदद करते है और उनकी जरूरतों को समझते हैं। आप सामाजिक कार्यों के माध्यम से वह समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना चाहते हैं। आपने तीन दशक से अधिक समय तक युवा, महिला और अन्य लोगों की मदद करने वाले नागरिक समूहों के साथ काम किया है। आपने सामाजिक न्याय और अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी है और अपने शैक्षणिक और सामाजिक संघर्षों से लोगों के बीच एक प्रभावशाली व्यक्तित्व का निर्माण किया है। डॉ. सिंगरौल ने अनेक कविता, पुस्तक और कूर्मि चेतना पञ्चाङ्ग का संपादन करते आए है। उनकी रचनाएँ समाज के विभिन्न मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करती हैं, जैसे समाज की असमानता, आधारहीनता, जाति विषयक मुद्दे, नारी हिंसा और समाज सेवा इत्यादि। आपने अपनी पुस्तक "कोरोना समस्या और समाधान" के माध्यम से कोरोना के वास्तविक कारणों और उसके बारे में फैली भ्रांतियों पर व्यापक प्रकाश डाले है।

Dr Jeetendra Singroul
(PhD in Management, MBA, M. Sc-IT, MPH)

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