ओबीसी के लोगों को समानुपातिक प्रतिनिधित्व दिए जावें- अखिल भारतीय कूर्मि महासभा

ओबीसी के लोगों को समानुपातिक प्रतिनिधित्व दिए जावें- अखिल भारतीय कूर्मि महासभा

अखिल भारतीय कूर्मि महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. जीतेन्द्र कुमार सिंगरौल ने राष्ट्रीय सभी दलों/पार्टियों से कर ओबीसी के लोगों को समानुपातिक प्रतिनिधित्व दिए जाने का मांग किए है । डॉ. सिंगरौल ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उत्थान हेतु महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर आकृष्ट किए है:- 
1. सभी जगह ओबीसी को उचित प्रतिनिधित्व देने हेतु जाति आधारित जनगणना/ सर्वेक्षण कराई जावे।
2. पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव में समानुपातिक रूप से ओबीसी आरक्षण पुनः बहाल हेतु करने सार्थक पहल की जावे तथा आवश्यक होने पर संविधान में यथोचित संशोधन कर आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व दिए जाएं एवं पिछड़ा वर्ग हेतु सभी शिक्षा निःशुल्क किया जावे।
3. ओबीसी समुदाय को आबादी के बराबर कार्यपालिका, न्यायपालिका, विधायिका, मिडिया एवं सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र के सभी उपक्रमों में समानुपातिक संवैधानिक प्रतिनिधित्व का प्रावधान किए जावेे।
4. प्रदेश में ओबीसी क्रीमीलेयर की आय सीमा को 8 लाख रूपए वार्षिक से बढ़ाकर 15 लाख रूपए वार्षिक करते हुए प्रत्येक 3 वर्ष में केन्द्र शासन के कर्मचारियों को दी जाने वाली मंहगाई भत्ते की दर अनुसार स्वमेव प्रतिवर्ष बढ़ने का स्थाई नियम बनाया जावे।
5. प्रदेश के प्रत्येक विकास खण्ड में कम से कम एक पिछड़ा वर्ग छात्रावास स्थापित किए जावे; जिसमें सीटों की संख्या राज्य के मुख्य शिक्षा केन्द्रों में आबादी के अनुपात में निर्धारित किए जाएं।
6. प्रदेश के प्रत्येक जिले में एक-एक पिछड़ा वर्ग आवासीय विद्यालय स्थापित किया जावे।
7. जिला स्तर की भर्तियों में भी आबादी के आधार पर समानुपातिक आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
8. ओबीसी नॉन क्रीमीलेयर जाति प्रमाण पत्र जारी करते समय शासकीय कर्मचारियों की क्रीमीलेयर पात्रता की जाँच वेतन की आय के स्थान पर नियमानुसार पद की श्रेणी से कराई जाएगी; जिससे प्रदेश के ओबीसी उम्मीदवारों को केन्द्रीय नौकरियों व प्रवेश में पर्याप्त प्रतिनिधित्व प्राप्त हो सकंेे।
9. ओबीसी बटवारा से संबंधी रोहिणी आयोग के अनुशंसा को अमान्य किए जावे एवं क्रीमीलेयर के प्रावधानों को रद्द किया जावे।
10. निजी क्षेत्र में स्थानीय/ स्थानियों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जावेगा एवं उद्योग (जो उद्योग नीति में है) की सभी छूट व लाभ देने के प्रावधानों का पालन कठोरता से सुनिश्चित किए जावे।
11. पांचवी अनुसूची क्षेत्रों में लागू पेसा कानून के दायरे में निवासरत ओबीसी समुदाय को शामिल किए जावे; जिससे त्रिस्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी के लिए क्रमशः पंच, सरपंच, जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, पार्षद एवं निकाय अध्यक्ष बनने का समुचित अवसर प्रदान किए जावे। 
12. संसदीय समिति के द्वारा किए गए अनुशंसा के अनुरूप ओबीसी कर्मचारियों को पदोन्नति में लाभ प्रदान किए जावे।
13. किसानों एवं ग्रामीण मज़दूरों के लिए रोजगार गारंटी योजना में कृषि कार्य भी शामिल किए जावे।
14. किसानों के लिए जीवन बीमा योजना लाए जावे; जिसकी  प्रीमियम राशि की 80 प्रतिशत हिस्सा सरकार द्वारा दिए जावे।
15. किसानों के सभी उपजों के लिए न्यूनतम मूल्य निर्धारित किए जावे तथा सोलर पंप/ कृषि उपकरण में सब्सिडी किसानों के खाते में सीधे डाली जायेगी।