छत्तीसगढ़ में बारदाना संकट के बीच धान खरीदी, जानिये क्या हैं गाइडलाइन
इस खरीफ वर्ष में करीब 22.66 लाख पंजीकृत किसानों से 2399 सहकारी समितियों के माध्यम से धान खरीदी की जाएगी. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पंजीकृत किसानों से करीब 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान है.
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी कल से शुरू हो जाएगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुसार प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के लिए समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी होगी. इसके लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इस खरीफ वर्ष में करीब 22.66 लाख पंजीकृत किसानों से 2399 सहकारी समितियों के माध्यम से धान खरीदी की जाएगी. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पंजीकृत किसानों से करीब 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान है.प्रदेश के किसानों से 1 एकड़ में अधिकतम 15 क्विंटल धान की खरीदी की जाएगी. वहीं मक्के के लिए यह मात्रा प्रति एकड़ 10 क्विंटल निर्धारित है. इस वर्ष किसानों और ग्रामीणों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य शासन द्वारा 88 नए धान खरीदी केन्द्रों को शुरू करने की अनुमति दी गई है. शनिवार-रविवार को धान खरीदी केंद्र बंद रहेंगे. मतलब कुल 44 दिनों तक धान खरीदी जाएगी.
31 जनवरी 2022 तक होगी धान खरीदी
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य शासन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के तहत समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की नगद एवं लिंकिंग के माध्यम से खरीदी एक दिसम्बर 2021 से 31 जनवरी 2022 तक और मक्का की खरीदी एक दिसम्बर 2021 से 28 फरवरी 2022 तक की जाएगी. खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के लिए औसत अच्छी किस्म के धान के लिए समर्थन मूल्य की दर, धान कॉमन 1940 रुपये प्रति क्विंटल, धान ग्रेड ए 1960 रुपये प्रति क्विंटल तथा औसत अच्छी किस्म के मक्का का समर्थन मूल्य 1870 रुपये प्रति क्विंटल की दर निर्धारित है.
105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी के लिए सवा पांच लाख गठान बारदाने की जरूरत
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने के लिए सवा पांच लाख गठान बारदाने की जरूरत पड़ेगी. जूट कमिश्नर के माध्यम से राज्य को 86 हजार जूट बारदाने प्राप्त हो चुके हैं. भारत सरकार द्वारा राज्य को 2.14 लाख गठान नये जूट बारदाने की आपूर्ति जूट कमिश्नर के माध्यम से किये जाने की सहमति दी गई है. इसके अलावा राज्य शासन द्वारा उचित मूल्य की दुकानों और मिलरों के माध्यम से करीब एक लाख गठान बारदाने की व्यवस्था कर ली गई है. साथ ही ओपन मार्केट से करीब 1.13 लाख गठान एचडीपीई-पीपी बारदाने की व्यवस्था की जा रही है.
छत्तीसगढ़ में बारदाना संकट के बीच शुरू हो रही धान खरीदी के लिए (Paddy Procurement in Chhattisgarh Gunny Bag Crisis) भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को बारदाना की खरीद, वितरण, केन्द्रीय तथा अन्य अधिकारियों से नियमित समन्वय के लिए ओएसडी नियुक्त किया गया है. साथ ही किसानों द्वारा सुगमतपूर्वक धान खरीद के उद्देश्य से राज्य सरकार ने धान खरीदी के पहले दिन से ही किसानों को पुराने बारदानों में धान बिक्री की अनुमति दे दी है. इस पूरी प्रक्रिया की व्यवस्था और देखरेख के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किये गये हैं. ये प्रतिदिन धान खरीदी तथा अन्य व्यवस्था के साथ-साथ समस्याओं से संबंधित स्थितियों की मॉनिटरिंग करेंगे.
एक बादाने के पीछे 18 रुपये
प्रशासन ने लघु और सीमांत किसानों को बारदाना को लेकर बड़ी राहत दी है. पहले किसानों को 25 प्रतिशत बारदाने देने थे, लेकिन अब बाध्यता हटा दी गई है. किसान अपना बारदाना दे सकते हैं, उसके बदले शासन 18 रुपये प्रति बारदाना के हिसाब से भुगतान करेगा.
पिछले साल सरकार ने खरीदी थी 82.81 लाख मीट्रिक टन धान
बता दें कि भूपेश सरकार ने पिछले साल 82.81 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की थी. इस वर्ष सरकार ने धान खरीदी की सीमा बढ़ा दी है. राज्य सरकार इस साल एक करोड़ पांच लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है, लेकिन सरकार इस बार बारदाने के संकट से गुजर रहा है. ऐसे में धान खरीदी का टारगेट पूरा हो पाएगा या नहीं, यह देखने वाली बात होगी.
फैक्ट फाइल
- 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी.
- 2399 खरीदी केंद्र.
- 5 लाख 25 हजार गठान बारदाने की जरूरत.
- 86 हजार बारदाने हैं राज्य में.
- करीब 22.66 लाख पंजीकृत किसान.
- पिछले वर्ष 82.81 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी.
- 10 हजार गठान बारदानों की रोजाना होगी जरूरत.
- एक गठान में करीब 500 बारदाने.
कोरबा में 1.54 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य
कोरबा जिले में इस बार 1 लाख 54 हजार मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से शुरू होने वाली धान खरीदी (Chhattisgarh Paddy Procurement 2021) के लिए इस साल 5 हजार 661 नए किसानों ने पंजीयन कराया है. इस तरह कोरबा से इस साल कुल 38 हजार 222 किसानों ने धान बिक्री करने के लिए पंजीयन कराया है. हाल ही में बुई बेमौसम बरसात से किसानों के धान के खराब होने की नौबत आ गई थी. धान खरीदी केंद्रों में भी पानी निकासी की व्यापक इंतजाम के लिए तैयारी की गई है. इसके अलावा भी सारी प्रशासनिक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
फैक्ट फाइल
- अवैध धान की आवक और बिक्री रोकने के लिए जिले में 15 चेकपोस्ट.
- रंजना, नूनरा, तुमान, लैंगा व नकटीखार बनाये गए 5 नए धान खरीदी केंद्र.
- जिले में 41 समितियों के 54 खरीदी केंद्रों से होगी धान की खरीदी.
- इस वर्ष 1 लाख 54 हजार मीट्रिक टन धान खरीदने का है लक्ष्य.
- इस वर्ष 38 हजार 222 किसानों ने धान बेचने के लिए कराया पंजीयन.