छत्तीसगढ़ में सौ प्रतिशत क्षमता के साथ खुलेंगे सभी स्कूल, नर्सरी से बारहवीं तक होगी पढ़ाई
एक अप्रैल से छत्तीसगढ़ के स्कूलों का शैक्षणिक सत्र शुरू हो रहा है. छत्तीसगढ़ में सीबीएसई बोर्ड के स्कूल भी खुल रहे हैं. पिछले 2 सालों से कोरोना संक्रमण के कारण बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित रही लेकिन अब कोरोना संक्रमण थमते ही प्रदेश के सभी स्कूल 100 प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित होंगे.
छत्तीसगढ़ में गर्मी बढ़ती जा रही है. ऐसे में छोटे बच्चों की कक्षाएं सुबह लगाई जाएगी. हाई स्कूल की कक्षाएं दोपहर में संचालित होंगी. राज्य सरकार ने बच्चों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं. डिहाइड्रेशन से बचने के लिए सभी स्कूलों में ओआरएस पाउडर रखना अनिवार्य है. स्कूल से नजदीकी अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र से समन्वय बनाकर रखना है ताकि तुरंत इलाज की व्यवस्था हो पाए.
स्कूलों में पीने के पानी की जांच और मेंटनेंस के साथ ही बिजली और पंखों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि बच्चों को परेशानी ना हो. परिजनों से भी बच्चों को धूप से बचाने के लिए उन्हें टोपी, गमछा या सिर ढंककर स्कूल भेजने और उनके खानपान का खास ख्याल रखने की अपील की गई है.काफी लंबे अंतराल के बाद स्कूल खुलने से बच्चों के साथ परिजनों में भी उत्साह नजर आ रहा है.
प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन अध्यक्ष राजीव गुप्ता का कहना है छत्तीसगढ़ में कोरोना की स्थिति चिंताजनक नहीं है. 1 अप्रैल से सभी कक्षाएं प्री प्राइमरी से लेकर 12वीं तक पूरी क्षमता के साथ बुलाया जा रहा है. बच्चों की सुरक्षा के लिए एहतियातन सारे स्कूलों को हिदायत दी गई है. जो बच्चे मास्क पहनकर आना चाहें, वह मास्क पहनकर आएं. पिछले 2 सालों से ऐसे छोटे बच्चे जो स्कूल नहीं गए हैं, उनके अंदर स्कूलों को लेकर एक डर का माहौल है. इसे दूर करने की ज्यादा जरूरत है.
14 मई तक संचालित होगी स्कूल: कोरोना संक्रमण के दौरान बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने के कारण स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों के ग्रीष्मकालीन अवकाश में कटौती की गई है. जिन स्कूलों में सभी कक्षाओं की परीक्षाएं हो चुकी हैं, वहां कल से स्कूल प्रारंभ हो जाएंगे. स्कूल का संचालन 14 मई तक किया जाएगा. 15 मई से 15 जून तक यानी 32 दिनों तक ग्रीष्मकालीन अवकाश रहेगा.