बात बात पर केंद्र को पत्र लिखने वाले मुख्यमंत्री हसदेव ब्लॉक निरस्तीकरण के लिए केंद्र को पत्र लिखें- बृजमोहन

क्या छत्तीसगढ़ सरकार के पर्यावरण स्वीकृति के बिना जंगलों की कटाई, कोयले की खुदाई हो सकती है भूपेश बघेल राज्य सरकार जवाब दें- बृजमोहन हसदेव अरण्य के जंगल की कटाई के लिए भूपेश बघेल एवं उनकी सरकार जिम्मेदार है- बृजमोहन

बात बात पर केंद्र को पत्र लिखने वाले मुख्यमंत्री हसदेव ब्लॉक निरस्तीकरण के लिए केंद्र को पत्र लिखें- बृजमोहन

बृजमोहन अग्रवाल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि, हसदेव अरण्य का जंगल मध्य भारत का सबसे समृद्ध जंगल है, अगर बोलचाल की भाषा में कहा जाए तो यह मध्य भारत का फेफड़ा है, इस जंगल की कटाई एवं कोयले की खुदाई से, हाथी एवं मानव द्वंद तो बढ़ेगा ही, साथ ही जैव-विविधता भी समाप्त होगी, जल स्रोत भी सुखेगा। 
छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा सिंचाई बांध, हसदेव बांगो का कैचमेंट एरिया एवं जल भराव क्षेत्र भी समाप्त होगा, जिससे जलस्तर तो नीचे जाएगा ही, साथ ही सिंचाई के लिए 500000 हेक्टेयर सिंचाई करने वाले बांध की सिंचाई क्षमता भी कम होगी एवं 12000 मेगावाट विद्युत क्षमता भी समाप्त हो जाएगी।

आगे बृजमोहन ने कहा कि, इन जंगलों के चार-चिरौंजी एवं लघु वनोपज के आधार पर जीवन जीने वाले लाखों आदिवासी की जीवन जीना भी दूभर हो जाएगा एवं आदिवासी संस्कृति भी समाप्त हो जाएगी।

छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ी और छत्तीसगढ़िया की बात करने वाले मुख्यमंत्री तीन साल तक रोकी गई पर्यावरण स्वीकृति, तीन महीने में स्वीकृत कर, किसको उपकृत कर रहे हैं?

भाजपा छत्तीसगढ़ के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है, छत्तीसगढ़ के हितों की रक्षा की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ सरकार व भूपेश बघेल की है। बार-बार केंद्र के ऊपर आरोप लगाकर अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं। बात बात पर केंद्र को पत्र लिखने वाले मुख्यमंत्री हसदेव ब्लॉक निरस्तीकरण के लिए केंद्र को पत्र लिखें।

बृजमोहन ने कहा कि, भूपेश ने कहा है कि आवंटन रद्द कराने के लिये जंतर मंतर पर धरना दें, भाजपा यह कह रही कि यूपीए ने यह आवंटन किया था। प्रदेश की कांग्रेस सरकार केवल पर्यावरण क्लीयरेंस वापस ले ले, किसी छत्तीसगढ़िया को जंतर मंतर जाने की ज़रूरत नहीं होगी।

हसदेव वन के बारे में MoEFCC विशेषज्ञ निकाय की रिपोर्ट में भारतीय वन्यजीव संस्थान ने पहले से ही खुदे हुए क्षेत्र से आगे खनन की अनुमति नहीं देने की सिफारिश की है क्योंकि यह और अधिक मानव हाथियों के संघर्ष के लिए ट्रिगर के रूप में कार्य करेगा।

क्या छत्तीसगढ़ सरकार के बिना परमिशन व पर्यावरण स्वीकृति के जंगल की कटाई या कोयले की खुदाई हो सकती है?

विदेश में जाकर राहुल गांधी कहते हैं कि हसदेव अरण्य की जंगल कटाई के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दी गई अनुमति के पक्ष में मैं नहीं हूं, तो क्या राहुल गांधी जी भूपेश बघेल जी को हटाएंगे, भूपेश जी के ही एक मंत्री यह कहते हैं कि झाड़ो की कटाई के विरोध करने पर अगर गोली चलेगी तो पहली गोली मैं खाऊंगा, अगर वे भूपेश मंत्रिमंडल के विरोध में है तो गोली खाने की जरूरत नहीं, मंत्री पद से इस्तीफा देकर हिम्मत के साथ वे इस लड़ाई को लड़ेंगे या भूपेश बघेल मंत्रिमंडल के विरुद्ध जाने वाले मंत्री को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करेंगे।
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी अनेक ऐसे ब्लॉक हैं, जहां हसदेव जैसे सघन वन नहीं हैं, वहां ब्लॉक आवंटित किया जा सकता है।

हसदेव अरण्य के जंगल की कटाई के लिए भूपेश बघेल एवं उनकी सरकार जिम्मेदार है।