उड़द, तुअर समेत खरीफ फसलों की MSP बढ़ाने को कैबिनेट की मंजूरी

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने फैसले के बाद मीडिया को बताया कि कम महंगाई में सरकार ने किसानों के हित में यह फैसला लिया है. 2183 रुपया क्विंटल धान की एमएसपी की गई है. ज्वार की एमएसपी 3180 रुपये प्रति क्विंटल की गई है. ए ग्रेड का धान 2203 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है.

उड़द, तुअर समेत खरीफ फसलों की MSP बढ़ाने को कैबिनेट की मंजूरी

उड़द, तुअर समेत खरीफ फसलों की MSP बढ़ाने को नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. सरकार ने मूंग दाल का समर्थन मूल्य सबसे ज्यादा 10 प्रतिशत बढ़ाया है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने फैसले के बाद मीडिया को बताया कि कम महंगाई में सरकार ने किसानों के हित में यह फैसला लिया है. 2183 रुपया क्विंटल धान की एमएसपी की गई है. ज्वार की एमएसपी 3180 रुपये प्रति क्विंटल की गई है. ए ग्रेड का धान 2203 रुपये प्रति  क्विंटल किया गया है. 

 धान (सामान्य) के लिए एमएसपी रुपये से बढ़ाया गया है. 2040 प्रति क्विंटल से 2183 रुपये प्रति  क्विंटल कर  दिया गया है. इससे जाहिर है कि  143 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है. साथ ही धान (ग्रेड ए) के लिए एमएसपी भी बढ़ा दिया गया है. यह 2060 रुपये प्रति क्विंटल से 2203 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. यहां पर 143 प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है. 

विपणन सीजन 2023-24 के लिए खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर एमएसपी तय करने की घोषणा के अनुरूप है. यानी सरकार का कहना है कि यह कदम 2018-19 के बजट में की गई घोषणा के अनुरूप किसानों से किया गया वादा पूरा किया जा रहा है. यह किसानों को उचित पारिश्रमिक देने की दिशा में एक कदम है.

बाजरा (82%) के बाद तुअर (58%), सोयाबीन (52%) और उड़द (51%) के मामले में किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर अपेक्षित मार्जिन सबसे अधिक होने का अनुमान है. बाकी फसलों के लिए, किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर मार्जिन कम से कम 50% होने का अनुमान है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है. बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार वित्तीय वर्ष 2023-24 के खरीफ सीजन की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बढ़ोत्तरी होगी.

बता दें कि एमएसपी देश में किसानों को उनकी उपज के न्यूनतम मूल्य की गारंटी देती है. यह क‍िसानों के लिए एक फसलों की सुरक्षा की गारंटी के समान है. माना जाता है कि इससे देश में सरकार किसानों की आय में बढ़ोतरी भी करने की दिशा में कदम उठाती है. 

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने तीन दालों तुअर, उड़द और मसूर के लिए फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) में मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 40 प्रतिशत खरीद की सीमा हटा दी है. सरकार ने यह कदम घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए उठाया है. खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि इस साल किसान पीएसएस के तहत कितनी भी मात्रा में अपनी तुअर, उड़द और मसूर की उपज को बेच पाएंगे.

मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘सरकार द्वारा लाभकारी मूल्य पर इन दलहनों की निश्चित खरीद से किसान आगामी खरीफ और रबी सत्रों में तुअर, उड़द और मसूर के लिए बुवाई क्षेत्र बढ़ाने को प्रोत्साहित होंगे.‘‘

पीएसएस तभी लागू होता है जबकि कृषि उत्पादों का दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे आता है. मंत्रालय ने राज्य सरकारों को भी निर्देश दिया है कि वे तुअर और उड़द के मामले में स्टॉक सीमा का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें और उनकी कीमतों पर निगाह रखें.