अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण में संगोष्ठी का आयोजन।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर  राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण में संगोष्ठी का आयोजन।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण में राज्य स्तरीयसंगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समग्र शिक्षा अभियान के एडिशनल डायरेक्टर के. सी. काबरा ने कहा कि समाज में अब महिला और पुरूषों के बीच में समानता बहुत सारे क्षेत्र में दिखाई दे रहे है उन्होने कहा कि आज शिक्षा क्षेत्र में बालिकाओं का अनुपात बालकों से अधिक है इसी तरह अन्य कार्य क्षेत्रों में जैसे पेट्रल पंप व माल्स इत्यादि में महिलाओं को प्राथमिकता दिया जा रहा है। उन्होंने कहा की परिवार का पहिया दोनों के समन्वय से ही संभव हैइस अवसर पर राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के असिस्टेंट डायरेक्टर प्रशांत कुमार पाण्डेय ने अपनी बात एक पंक्ति के द्वारा जैसे हजारों फूल चाहिए एक माला बनाने के लिए, हजारो दीपक चाहिए आरती की थाली सजाने के लिए हजारों बूंद काफी है समुद्र बनाने के लिए किंतु केवल एक स्त्री काफी है घर को स्वर्ग बनाने के लिए। उन्होंने आगे कहा महिलाओं का सम्मान प्रतिदिन होना चाहिए यह एक दिन केवल सम्मान के लिए नही लोगो को याद दिलाने के लिए है 365 दिन महिलाओं की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए।
 कार्यक्रम का संचालन परियोजना सलाहकार निधि अग्रवाल एवं आभार प्रदर्शन नेहा शुक्ला ने किया। संगोष्ठी में समग्र शिक्षा की असिटेंट डायरेक्टर सीमा गौराहा, पुष्पा निषाद, सविता देवांगन माध्यमिक शिक्षा मण्डल की असिटेंट प्रोफेसर अर्चना वर्मा, छत्तीसगढ़ ओपन स्कूल की डॉ. अनिता आचार्य, एपीसी समग्र शिक्षा गिरिजा पटले, नीलम कुशवाहा, राभी सिन्हा, श्यामा तिवारी, प्रगति झा व डॉ. मीनाक्षी बाजपेयी ने अपने विचार व्यक्त किए।