नेपाल से छोड़े गए पानी के बाद बाढ़ में घिरे यूपी के 800 गांव, पांच की मौत
बरेली। भारी बारिश और नेपाल से छोड़े गए पानी के बाद यूपी के कई शहरों में अब बाढ़ का विकराल रूप देखने मिल रहा है। बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, सीतापुर के करीब 250 गांव बाढ़ की चपेट में हैं।वहीं, लखीमपुर खीरी के 150, शाहजहांपुर के 30, बदायूं के 70, बरेली के 70 और पीलीभीत के करीब 222 गांव की बड़ी आबादी बाढ़ के पानी से घिरी हुई है। बलिया में कुछ घर बहने की खबर है। यूपी के करीब 800 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं। नेपाल के कुसुम बैराज से 47,682 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद जमुनहा बैराज पर नदी का जलस्तर 127.35 से बढ़ कर 127.90 मीटर पहुंच गया जो खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर अधिक है। अयोध्या में सरयू का जल स्तर 22 सेमी घटा है। इसके बाद भी नदी लाल निशान से 10 सेमी ऊपर बह रही है। सीतापुर मेंनदी की कटान में 34 घर बह चुके हैं।दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर गर्रा नदी की बाढ़ का पानी ढाई-तीन फीट तक बह रहा है। इसकी वजह से यहां कार-बाइक व अन्य छोटे वाहनों का संचालन बंद रखा गया। मुरादाबाद-लखनऊ के बीच नए 22 कॉशन तय करके ट्रेनों को भी धीमी गति से गुजारा जा रहा है।शहर के बाहरी हिस्से में बसी आवास विकास कॉलोनी समेत अन्य निचले इलाकों से करीब 10 हजार लोगों ने पलायन किया है। एनडीआरएफ की टीम ने 225 लोगों को बचाया। बाढ़ से एसएस कॉलेज के पुस्तकालय में रखीं सैकड़ों साल पुरानी पांडुलिपियां नष्ट हो गई हैं।