आत्मानंद स्कूल में चाक,डस्टर,फिनाइल हेतु राशि उपलब्ध ना करा पाने वाली भाजपा सरकार अपना चेहरा चमकाने 14 माह में 332 करोड़ किए खर्च - विनोद तिवारी

रायपुर 8 मार्च छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र में कांग्रेस विधायक के सवाल पर मुख्यमंत्री का जवाब, सरकार ने अपनी ब्रांडिंग करने 14 माह में 332 करोड़ रुपया किए खर्च
विधानसभा बजट सत्र में कांग्रेस विधायक श्री
द्वारिकाधीश यादव के प्रश्न का लिखित उत्तर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने दिया जिसके अनुसार जनसंपर्क विभाग ने 14 माह में 332 करोड़ खर्च किए है यह विभाग सीएम के पास ही है बजट का रोना रोने वाले अपनी सरकार का चेहरा चमकाने अरबों रुपए पानी की तरह बहा दिया है और अति आवश्यक जन कल्याणकारी योजनाओं के लिए पैसे देने में इनका कलेजा फटता है
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल सरकार द्वारा सैकड़ो की संख्या में निःशुल्क आत्मानंद स्कूल प्रारंभ किया जोकि मध्यम और गरीब परिवार के पालकों के लिए वरदान साबित हुई छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनते ही सबसे पहले आत्मानंद स्कूल का नाम बदला जाने लगा फिर आत्मानंद स्कूलों को फंड देना बंद किया जाने लगा अपना चेहरा चमकाने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 14 माह में 332 करोड़ खर्च किए गए वहीं आत्मानंद स्कूल में चाक डस्टर खरीदी के लिए सरकार के पास पैसा ना होना बहुत आश्चर्यजनक बात है जबकि आत्मानंद स्कूल मध्यम और गरीब परिवार के छात्रो के लिये वरदान साबित हुई है आत्मानंद स्कूल के परिमाण भी बहुत अच्छे आयें है साथ अन्य गतिविधियों में भी आत्मानंद स्कूल के छात्र छात्राओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया और सफल हुए हैं आत्मानंद स्कूल प्रारंभ होने के बाद पालकों ने अपने बच्चो को प्राइवेट स्कूल से निकाल कर आत्मानंद स्कूल में एडमिशन करवाने लगे थे क्यूकी आत्मानंद प्राइवेट स्कूलों से बेहतर एवं निःशुल्क शिक्षा का प्रावधान था वहीं प्राइवेट स्कूल गरीब मध्यम वर्गीय परिवार के बजट से बाहर हुआ करते थे जिस वजह से पालकों को आर्थिक परेशानी से जूझना पड़ता था
आत्मानंद स्कूल के हालात ऐसे हैं 2 साल से उधार में चल रहे हैं स्कूल क्यूकी इन स्कूलों को चलाने फंड भी नही है सत्र खत्म होने वाला है पर सरकार की तरफ़ से दी जाने वाली आकस्मिक व्यय निधि की पूरी राशि 5 लाख अभी तक नही मिली है नतीजा स्कूल प्रबंधन के पास चाक,डस्टर,रजिस्टर,फिनाइल जैसी छोटी एवं अति अवश्यक सामग्री ख़रीदने भी पैसे नही हैं पूर्व में स्कूलों को 5-5 लाख रुपए दिए जाते थे वर्तमान में आत्मानंद स्कूल की स्थिति को जानबूझकर ख़राब किया जाएगा