RI प्रमोशन घोटाले पर ACB की बड़ी कार्रवाई, बस्तर से सरगुजा तक छापे...

RI प्रमोशन घोटाले पर ACB की बड़ी कार्रवाई, बस्तर से सरगुजा तक छापे...

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित आरआई प्रमोशन घोटाले में बुधवार तड़के ACB ने बस्तर से सरगुजा तक दर्ज़न से अधिक ठिकानों पर छापे मारे। छापे राजस्व विभाग के अफसरों, कर्मचारियों और प्रश्नपत्र छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस से जुड़े लोगों पर किए गए। सुबह जब टीम ने अफसरों के घर पहुंचकर कॉल बेल बजाई तो लोग चौंक गए। दरवाजा खुलते ही ACB टीम को देखकर कई के होश उड़ गए और कार्रवाई तुरंत शुरू की गई।

कैसे हुआ प्रमोशन घोटाला
जांच में सामने आया है कि पटवारियों को रेवेन्यू इंस्पेक्टर बनाने का पूरा खेल संगठित तरीके से किया गया। कथित तौर पर 10 लाख रुपये तक लेकर चयन किया गया। परीक्षा से पहले पेपर लीक किया गया। पैसे देने वाले उम्मीदवारों को एक स्थान पर बैठाकर प्रश्नपत्र हल कराया गया। कई को एक ही रोल नंबर दिया गया ताकि नकल आसान हो। सवाल जानबूझकर आउट ऑफ कोर्स रखे गए ताकि बाकी उम्मीदवार असफल हों।

सबसे गंभीर तथ्य यह है कि परीक्षार्थियों से OMR शीट पर मोबाइल नंबर लिखवाया गया, जो परीक्षा की गोपनीयता का सीधा उल्लंघन है। इसका उद्देश्य था कि परीक्षा के बाद संपर्क कर पास कराने की सौदेबाजी हो सके।

जांच समिति की रिपोर्ट में गंभीर खामियाँ
सरकार ने शिकायतों के बाद आईएएस केडी कुंजाम की अध्यक्षता में जांच समिति बनाई। समिति ने कई अनियमितताओं की पुष्टि की और परीक्षा दोबारा कराने की सिफारिश की। रिपोर्ट में इन बिंदुओं का उल्लेख है:
परीक्षा का नोटिफिकेशन बिना रिक्त पदों और आरक्षण के विवरण के जारी हुआ
पाठ्यक्रम में शामिल न रहने के बावजूद भुइयां सॉफ्टवेयर से संबंधित प्रश्न पूछे गए
OMR शीट पर मोबाइल नंबर लेने का निर्देश परीक्षा नियमों के खिलाफ पाया गया
रोल नंबर और चयन सूची में हेरफेर के संकेत मिले
रिश्तेदारों को पास पास बैठाने के लिए क्रमिक रोल नंबर जारी किए गए


राजस्व विभाग की सफाई संदिग्ध
जनसूचना अधिकारी ने 29 जनवरी 2025 को कहा था कि जांच जारी है, जबकि रिपोर्ट 29 नवंबर 2024 को सरकार को भेजी जा चुकी थी। रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि पति, पत्नी, साली से लेकर 22 रिश्तेदारों को एक ही जगह बैठाकर परीक्षा दिलाई गई। एक आईएएस अधिकारी का भतीजा भी नियमों का उल्लंघन करते हुए प्रमोट हो गया।

सरकार ने की सख्त कार्रवाई की शुरुआत
नई सरकार को शिकायतें मिलते ही मामला गंभीर पाया गया और उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया गया। अब ACB की कार्रवाई के बाद घोटाले के मुख्य आरोपी अफसरों और नेटवर्क पर दबाव बढ़ गया है।

ACB की कार्रवाई जारी है और आगे और खुलासे होने की संभावना है।