आदिवासी सभ्यता, संस्कृति और संरक्षण के लक्ष्य को लेकर “बिरसा मुंडा” की जयंती पर एक विशेष आयोजन

आदिवासी सभ्यता, संस्कृति और  संरक्षण के लक्ष्य को लेकर “बिरसा मुंडा” की जयंती पर एक विशेष आयोजन

नवीन शासकीय महाविद्यालय अमलीडीह रायपुर , छत्तीसगढ़ में दिनांक 22.11.2025 को “जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत, ऐतिहासिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदान” विषय पर बिरसा मुंडा के जीवन पर एक संगोष्ठी एवं प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया।" उलगुलान" बिरसा मुंडा के जीवन पर इस चलचित्र का प्रदर्शन भी किया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सी. बी. शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि बिरसा मुंडा ने जनजातीय समाज के जीवन संघर्षों को सकारात्मक रूप में प्रस्तुत कर जनमानस को प्रेरित किया है। महाविद्यालय में बिरसा मुंडा के जीवन से जुड़े उदाहरणों, संस्कृति तथा स्वतन्त्रता संग्राम में उनके महत्त्वपूर्ण योगदान को इस कार्यक्रम में जीवंत रूप से प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर 
रही डॉ. प्रीता लाल ने कहा कि झारखंड के आदिवासियों के भगवान माने जाने वाले बिरसा मुंडा सबके लिये प्रेरणा के स्रोत हैं। उनका जीवन संघर्ष, शोषण, अनाचारों और अन्याय के विरुद्ध  आवाज़ उठाना एक मिसाल है।
उन्होंने विद्यार्थियों को कर्तव्य पालन तथा लक्ष्य प्राप्ति तक सतत् प्रयत्नरत रहने की प्रेरणा दी।

कार्यक्रम की संचालक सुश्री नम्रता ध्रुव ने कहा कि जनजातीय समुदाय के जननायकों के जीवन से “दृढ़ता एवं संयम” का संदेश लेकर समाज एवं देशहित में कार्य करना चाहिए।

इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार से
श्री प्रकाश जांगड़े, डॉ हेमंत सिरमौर ,डॉ. भुपेंद्र वर्मा, डॉ अनुरोध बनोदे,राहुल सोनवाने,यामिनी,करिश्मा,राघवेंद्र आदि उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम में
छात्र–छात्राओं में
श्रीमती अंजली, सुश्री राशिका, कविता कुंजे, कु अंतोनियो,
श्री राहुल सोमवंशी आदि भारी संख्या में छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे ।