चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी पर कांग्रेस का हंगामा, विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार

चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी पर कांग्रेस का हंगामा, विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार

छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार को उस वक्त भारी हंगामे की भेंट चढ़ गया, जब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी का मुद्दा सदन में उठा। कांग्रेस ने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” करार देते हुए विधानसभा की कार्यवाही से वॉकआउट कर दिया।

चैतन्य की गिरफ्तारी भिलाई स्थित आवास से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने की है। यह कार्रवाई राज्य के बहुचर्चित शराब घोटाले और कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ी बताई जा रही है। वहीं, सूत्रों के अनुसार, इस गिरफ्तारी का संबंध महादेव सट्टा ऐप से भी हो सकता है, हालांकि ईडी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

नेता प्रतिपक्ष का हमला – “सरकार का दवाब है”
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सदन में जोरदार तरीके से मुद्दा उठाते हुए कहा:“आज भूपेश बघेल के बेटे का जन्मदिन है, और उसी दिन उसे उठा लिया गया।  यह पूरी कार्रवाई केंद्र सरकार के दबाव में हो रही है। ईडी को राजनीतिक टूल की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।”

विधानसभा अध्यक्ष द्वारा मामले को स्थगित करने की अपील के बावजूद कांग्रेस विधायक सदन से विरोधस्वरूप वॉकआउट कर गए।

ईडी दफ्तर के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन
गिरफ्तारी के बाद रायपुर स्थित ईडी कार्यालय के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ता जुटने लगे हैं। पार्टी नेताओं ने प्रदर्शन की घोषणा की है और इसे “लोकतंत्र पर हमला” बताया है। रायपुर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

क्या है मामला?
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी ईडी की शराब घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत हुई है। इस घोटाले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। चैतन्य बघेल की भूमिका को लेकर जांच एजेंसी लंबे समय से निगरानी में थी।

जन्मदिन पर गिरफ्तारी बनी राजनीति का केंद्र
इस पूरे घटनाक्रम ने इसलिए और तूल पकड़ लिया क्योंकि चैतन्य बघेल का आज जन्मदिन भी है। कांग्रेस नेताओं ने इसे “जानबूझकर चुनी गई तारीख” करार देते हुए ईडी की मंशा पर सवाल उठाए हैं।

अब आगे क्या?
ईडी ने चैतन्य को रायपुर स्पेशल कोर्ट में पेश किया, जहां 7 दिन की रिमांड की मांग की गई है। कांग्रेस ने संकेत दिया है कि वह पूरे राज्य में विरोध-प्रदर्शन करेगी। विधानसभा में भी अब यह मुद्दा प्रमुख राजनीतिक मोड़ लेने वाला है।

एक तरफ कानून अपना काम कर रहा है, दूसरी तरफ विपक्ष इसे लोकतंत्र पर हमला बता रहा है — चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी छत्तीसगढ़ की सियासत में एक नया मोर्चा खोल चुकी है।छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार को उस वक्त भारी हंगामे की भेंट चढ़ गया, जब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी का मुद्दा सदन में उठा। कांग्रेस ने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” करार देते हुए विधानसभा की कार्यवाही से वॉकआउट कर दिया।

चैतन्य की गिरफ्तारी भिलाई स्थित आवास से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने की है। यह कार्रवाई राज्य के बहुचर्चित शराब घोटाले और कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ी बताई जा रही है। वहीं, सूत्रों के अनुसार, इस गिरफ्तारी का संबंध महादेव सट्टा ऐप से भी हो सकता है, हालांकि ईडी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

नेता प्रतिपक्ष का हमला – “सरकार का दवाब है”
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सदन में जोरदार तरीके से मुद्दा उठाते हुए कहा:“आज भूपेश बघेल के बेटे का जन्मदिन है, और उसी दिन उसे उठा लिया गया।  यह पूरी कार्रवाई केंद्र सरकार के दबाव में हो रही है। ईडी को राजनीतिक टूल की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।”

विधानसभा अध्यक्ष द्वारा मामले को स्थगित करने की अपील के बावजूद कांग्रेस विधायक सदन से विरोधस्वरूप वॉकआउट कर गए।

ईडी दफ्तर के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन
गिरफ्तारी के बाद रायपुर स्थित ईडी कार्यालय के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ता जुटने लगे हैं। पार्टी नेताओं ने प्रदर्शन की घोषणा की है और इसे “लोकतंत्र पर हमला” बताया है। रायपुर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

क्या है मामला?
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी ईडी की शराब घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत हुई है। इस घोटाले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। चैतन्य बघेल की भूमिका को लेकर जांच एजेंसी लंबे समय से निगरानी में थी।

जन्मदिन पर गिरफ्तारी बनी राजनीति का केंद्र
इस पूरे घटनाक्रम ने इसलिए और तूल पकड़ लिया क्योंकि चैतन्य बघेल का आज जन्मदिन भी है। कांग्रेस नेताओं ने इसे “जानबूझकर चुनी गई तारीख” करार देते हुए ईडी की मंशा पर सवाल उठाए हैं।

अब आगे क्या?
ईडी ने चैतन्य को रायपुर स्पेशल कोर्ट में पेश किया, जहां 7 दिन की रिमांड की मांग की गई है। कांग्रेस ने संकेत दिया है कि वह पूरे राज्य में विरोध-प्रदर्शन करेगी। विधानसभा में भी अब यह मुद्दा प्रमुख राजनीतिक मोड़ लेने वाला है।

एक तरफ कानून अपना काम कर रहा है, दूसरी तरफ विपक्ष इसे लोकतंत्र पर हमला बता रहा है — चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी छत्तीसगढ़ की सियासत में एक नया मोर्चा खोल चुकी है।vvccvvvvvvvछत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार को उस वक्त भारी हंगामे की भेंट चढ़ गया, जब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी का मुद्दा सदन में उठा। कांग्रेस ने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” करार देते हुए विधानसभा की कार्यवाही से वॉकआउट कर दिया।

चैतन्य की गिरफ्तारी भिलाई स्थित आवास से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने की है। यह कार्रवाई राज्य के बहुचर्चित शराब घोटाले और कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ी बताई जा रही है। वहीं, सूत्रों के अनुसार, इस गिरफ्तारी का संबंध महादेव सट्टा ऐप से भी हो सकता है, हालांकि ईडी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

नेता प्रतिपक्ष का हमला – “सरकार का दवाब है”
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सदन में जोरदार तरीके से मुद्दा उठाते हुए कहा:“आज भूपेश बघेल के बेटे का जन्मदिन है, और उसी दिन उसे उठा लिया गया।  यह पूरी कार्रवाई केंद्र सरकार के दबाव में हो रही है। ईडी को राजनीतिक टूल की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।”

विधानसभा अध्यक्ष द्वारा मामले को स्थगित करने की अपील के बावजूद कांग्रेस विधायक सदन से विरोधस्वरूप वॉकआउट कर गए।

ईडी दफ्तर के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन
गिरफ्तारी के बाद रायपुर स्थित ईडी कार्यालय के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ता जुटने लगे हैं। पार्टी नेताओं ने प्रदर्शन की घोषणा की है और इसे “लोकतंत्र पर हमला” बताया है। रायपुर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

क्या है मामला?
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी ईडी की शराब घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत हुई है। इस घोटाले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। चैतन्य बघेल की भूमिका को लेकर जांच एजेंसी लंबे समय से निगरानी में थी।

जन्मदिन पर गिरफ्तारी बनी राजनीति का केंद्र
इस पूरे घटनाक्रम ने इसलिए और तूल पकड़ लिया क्योंकि चैतन्य बघेल का आज जन्मदिन भी है। कांग्रेस नेताओं ने इसे “जानबूझकर चुनी गई तारीख” करार देते हुए ईडी की मंशा पर सवाल उठाए हैं।

अब आगे क्या?
ईडी ने चैतन्य को रायपुर स्पेशल कोर्ट में पेश किया, जहां 7 दिन की रिमांड की मांग की गई है। कांग्रेस ने संकेत दिया है कि वह पूरे राज्य में विरोध-प्रदर्शन करेगी। विधानसभा में भी अब यह मुद्दा प्रमुख राजनीतिक मोड़ लेने वाला है।

एक तरफ कानून अपना काम कर रहा है, दूसरी तरफ विपक्ष इसे लोकतंत्र पर हमला बता रहा है — चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी छत्तीसगढ़ की सियासत में एक नया मोर्चा खोल चुकी है।