शिकायत के 54 दिन बाद गई महुआ मोइत्रा की सांसदी, सवाल के बदले रिश्वत लेने के मामले में कार्यवाही
नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के रिश्वत लेकर सवाल पूछने के मामले में लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट सदन में पेश की गई। भाजपा सांसद विजय सोनकर ने रिपोट की सभा के पटल पर रखा। करीब आधे घंटे की चर्चा के बाद लोकसभा ने आचार समिति की उस रिपोर्ट को मंजूरी दे दी, जिसमें तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी। सदन ने महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने संबंधी संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की। इसका मतलब नकदी के बदले सवाल पूछने के मामले में महुआ की संसद सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द हो गई है। 15 अक्तूबर में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। दुबे के अनुसार, यह शिकायत सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहादराई द्वारा मुहैया कराए गए सबूतों के आधारित थी।
समिति ने 500 पेज की रिपोर्ट बनाई है। इसमें संसद की गरिमा को बचाने व राष्ट्रीय सुरक्षा को महत्व देने के लिए कई अहम सिफारिश की गई हैं। महुआ पर रिश्वत ले कर अदाणी समूह के खिलाफ कारोबारी हीरानंदानी को लाभ पहुंचाने के लिए सवाल पूछने के आरोप हैं। खुद महुआ ने स्वीकार किया था कि उन्होंने संसद में सवाल पूछने के पोर्टल से जुड़ी अपनी आईडी-पासवर्ड साझा किए थे। हीरानंदानी ने महुआ को रिश्वत देने की बात स्वीकारी थी।
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा का जन्म कोलकाता में हुआ था। कोलकाता में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए महुआ अमेरिका चली गईं। पढ़ाई पूरी होने के बाद वह लंदन की प्रतिष्ठित बैंकिंग कंपनी में नौकरी करने लगीं। देखते ही देखते वह कम समय में ही इस कंपनी की वाइस प्रेसिडेंट भी बन गईं। इसी दौरान महुआ ने अपनी इतनी अच्छी नौकरी को छोड़कर बंगाल की राजनीति से जुड़ने का फैसला किया। लंदन की बैंकिंग कंपनी की नौकरी छोड़कर महुआ वापस बंगाल लौटीं। उन्होंने साल 2016 विधानसभा चुनाव में करीमपुर सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद साल 2019 में महुआ पहली बार टीएमसी के टिकट पर लोकसभा पहुंचीं। उन्होंने भाजपा के कल्याण चौबे को 63 हजार मतों से हराया था।