भारतीय रुपया फिर धड़ाम, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 83 का स्तर पार

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 83.08 पर पहुंच गया है. यह अब तक का सबसे निचला स्तर है. ब्लूमबर्ग ने बताया कि डॉलर के मुकाबले रुपया 83.0925 पर खुलने के बाद अब 83.1212 के निचले स्तर के नए रिकॉर्ड को छू रहा है.

भारतीय रुपया फिर धड़ाम, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 83 का स्तर पार

भारतीय रुपया फिर धड़ाम हो गया है और नए रिकॉर्ड को छू रहा है. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 83.08 पर पहुंच गया है. यह अब तक का सबसे निचला स्तर है. ब्लूमबर्ग ने बताया कि डॉलर के मुकाबले रुपया 83.0925 पर खुलने के बाद अब 83.1212 के निचले स्तर के नए रिकॉर्ड को छू रहा है. रुपया बुधवार को भी डॉलर के मुकाबले 82 रुपये 95 पैसे के नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया था.

इससे पहले, 16 अक्टूबर को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि रुपये ने अन्य उभरती बाजार मुद्राओं की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है. मंत्री की यह टिप्पणी रुपये के 82.69 के सर्वकालिक निचले स्तर तक गिरने के कुछ दिनों बाद आई थी.

भारतीय मुद्रा की गिरावट के बारे में बात करते हुए सीतारमण ने कहा था कि यह डॉलर के मजबूत होने के कारण हुआ है. उन्होंने कहा कि रुपया कमजोर नहीं हो रहा है.

इससे पहले, 16 अक्टूबर को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि रुपये ने अन्य उभरती बाजार मुद्राओं की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है. मंत्री की यह टिप्पणी रुपये के 82.69 के सर्वकालिक निचले स्तर तक गिरने के कुछ दिनों बाद आई थी.

भारतीय मुद्रा की गिरावट के बारे में बात करते हुए सीतारमण ने कहा था कि यह डॉलर के मजबूत होने के कारण हुआ है. उन्होंने कहा कि रुपया कमजोर नहीं हो रहा है.

वित्त मंत्री ने अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान एक प्रेस वार्ता में कहा, "मैं इसे रुपये में गिरावट के तौर पर नहीं देखूंगी बल्कि इसे डॉलर के लगातार मजबूत होने के रूप में देखूंगी."

सीतारमण ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा था कि बहुत अधिक अस्थिरता न हो, और भारतीय मुद्रा के मूल्य को ठीक करने के लिए बाजार में हस्तक्षेप न हो.

सीतारमण ने अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक वित्त समिति (आईएमएफसी) को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 23 सितंबर 2022 तक 537.5 अरब डॉलर था, जो अन्य समकक्ष अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर है. अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से मूल्यांकन में आए बदलाव ने इस भंडार में आई गिरावट में दो-तिहाई योगदान दिया है.''