मॉडल गोठान बगिया की स्व-सहायता समूह की महिलाएं सामुदायिक बाड़ी से बन रही हैं आत्मनिर्भर
छत्तीसगढ़ शासन की फ्लैगशिप योजना नरवा, गरूवा, घुरवा, बाडी योजना के बेहतर क्रियान्वयन ने राज्य में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न किए हैं। गौठानों को मॉडल स्वरूप दिया जा रहा है। यहां पर विभिन्न रोजगारमूलक गतिविधियां संचालित की जा रही है। राज्य में संचालित 7889 गौठानों में 2201 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैें। इसमें से जशपुर जिले के 70 गौठान भी शामिल है। राज्य में इन गौठानों में कार्यरत महिला स्व-सहायता समूह आत्मनिर्भर बन रही है। ऐसे ही जशपुर जिले के कांसाबेल विकासखंड के मॉडल गोठान बगिया में सामुदायिक बाड़ी में स्व-सहायता समूह की महिलाएं साग-सब्जी उत्पादन कर सीजन अनुसार कुल 70 हजार तक आर्थिक लाभ प्राप्त कर रही हैं।
जशपुर जिले के मॉडल गोठान रजौटी ग्राम पंचायत बगिया में उद्यान विभाग की सहायता से मल्टीएक्टिवीटी के तहत् चम्पा स्व-सहायता समूह की महिलाओं को गोठान में सामुदायिक बाड़ी की सुविधा उपलब्ध कराया गया है, जहां महिलाओं के द्वारा साग-सब्जी, मसाला उत्पादन कार्य, टमाटर, बैंगन, मिर्च, कद्दूवर्गीय, आलू, हल्दी, अदरक एवं अन्य प्रकार के सब्जी का रोपण किया गया है। उद्यान विभाग के सहायक संचालक ने बताया कि समूह की महिलाओं को उद्यान एवं एनआरएलएम के माध्यम से प्रशिक्षण भी दिया गया है ताकि महिलाएं गोठान में उन्नत तकनीकी और कम लागत से अच्छी साग-सब्जी का उत्पादन करके आर्थिक आमदनी अर्जित कर सके। समूह की महिलाओं ने बताया कि मसाला के खुदाई का कार्य शेष है। इससे लगभग 20 क्विंटल मसाला उत्पादन और आलू से 25 हजार एवं अदरक व हल्दी से लगभग 50 हजार तक की आमदनी होने की संभावना है।
महिलाओं ने कहा कि प्रशासन के सहयोग से आज बगिया गोठान में चम्पा स्व-सहायता समूह की 10 महिलाएं मिलकर खेती कर रही है और सामुदायिक बाड़ी से अनेक प्रकार की साग-सब्जी की फसल का उत्पादन कर रही है। महिलाओं ने बताया कि सामुदायिक बाड़ी से लगभग 30 क्विंटल सब्जी उत्पादन होने का संभावना हैै। उन्होंने बताया है कि वह स्वयं के उपयोग के लिए 5 क्विंटल फसल रखी है। शेष फसल को स्थानीय हाट-बाजार में विक्रय कर देती है, जिससे महिलाओं को सीजन अनुसार कुल 70 हजार तक आर्थिक लाभ प्राप्त हो रहा है।