*छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक जशपुर के सारूडीह चाय बागान पहुंची। चाय की खेती से जुड़े हितग्राहियों से चर्चा करके खेती के लाभ के संबंध में जानकारी ली हितग्राहियों द्वारा बनाए गए ग्रीन टी का भी चुस्की लिया।

*छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक जशपुर के सारूडीह चाय बागान पहुंची।  चाय की खेती से जुड़े हितग्राहियों से चर्चा करके खेती के लाभ के संबंध में  जानकारी ली  हितग्राहियों द्वारा बनाए गए ग्रीन टी का भी चुस्की लिया।

जशपुर,22जून,2023/छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक जशपुर के सारूडीह चाय बागान पहुंची। जहां उन्होंने भ्रमण कर चाय खेती का अवलोकन किया।
 उन्होंने चाय बागान के किसानों से चर्चा करके चाय की खेती की जानकारी ली। हितग्राही किसान श्री एस्डोर बरवा ने बताया कि सारूडीह चाय बागान में लगभग 20 हितग्राही चाय की खेती से सीधे जुड़े हैं।  उन्होंने बताया की वर्ष में 6_7 लाख का लाभ प्राप्त हो जाता हैं। हर वर्ष दिसंबर में कटिंग किया जाता है और नई पत्ती निकलता है। दो कोमल पत्ते से ग्रीन टी एवं तीन कोमल पत्ते से नॉर्मल ब्लैक टी बनाया जाता है। सारुडीह चाय बागान 2011 से प्रारंभ हुआ है जो 20 एकड़ में फैला हुआ है।डॉ. किरणमयी नायक ने हितग्राही को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जशपुर जिले की जलवायु चाय की खेती के लिए बहुत ही अनुकूल हैं। हितग्राहियों को को चाय की खेती का लाभ उठाने प्रेरित किया।इस  दौरान छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती नीता विश्वकर्मा और अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। सारूडीह चाय बागान भ्रमण के पश्चात छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने हितग्राहियों द्वारा बनाए गए ग्रीन टी का भी चुस्की लिया।   
        गौरतलब है कि जशपुर जिले में चाय की खेती के प्रारंभिक चरण में उत्साह जनक परिणाम को देखते हुए  चाय और कॉफी की खेती के लिए किसानों को जोड़कर उन्हें लाभांवित करने, प्रसंस्करण एवं अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कार्य किया जा रहा है  जशपुर जिले में चाय की खेती सफलतापूर्वक की जा रही है। जिले की जलवायु एवं भौगोलिक वातावरण चाय की खेती के लिए अनुकुल है।