रायपुर धर्मसंसद में हंगामा, मंच पर बरसे महंत रामसुंदर दास

रायपुर के धर्म संसद में महाराष्ट्र के संत कालीचरण ने महात्मा गांधी पर विवादित बयान दिया है. उन्होंने देश के विभाजन के लिए महात्मा गांधी को जिम्मेदार ठहराया है. धर्म संसद के मंच से महात्मा गांधी के खिलाफ अशोभनीय बयान के बाद महंत रामसुंदर दास नाराज हो गए. उन्होंने मंच से अपना विरोध जाहिर किया और धर्म संसद को बीच में छोड़कर चले गए.

रायपुर धर्मसंसद में हंगामा, मंच पर बरसे महंत रामसुंदर दास

रायपुर धर्म संसद 2021  में रविवार को बड़ा बवाल हो गया. यहां धर्म की बात के बीच राजीनीति हावी होती नजर आई. महाराष्ट्र से आए संत कालीचरण ने मंच से राष्ट्रपितामहात्मा गांधी पर विवादित बयान दे डाला. उन्होंने सन 1947 में हुए भारत के बटवारे के लिए बापू को जिम्मेदार ठहराया और महात्मा गांधी के खिलाफ अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल करने लगे. कालीचरण ने कहा कि सन 1947 में हमने यह देखा है कि कैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश पर इस्लामाबाद ने कब्जा किया. वह यहीं नहीं रुके. बोलते-बोलते कालीचरण ने यह कह डाला कि मोहनदास करमचंद गांधी ने देश का सत्यानाश किया. नमस्कार है नाथूराम गोडसे को जिन्होंने उन्हें मार दिया. इस बयान के बाद धर्मसंसद में हंगामा मच गया. कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक और राज्य गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास  ने कालीचरण के बयान पर कड़ा ऐतराज जताया. वह तत्काल मंच छोड़कर कार्यक्रम से चले गए.

धर्म संसद में शनिवार को भी कालीचरण  नाथूराम गोडसे की तस्वीर को हाथ जोड़कर प्रणाम करते देखे गए थे. रविवार को उन्होंने मंच से बापू के खिलाफ विवादित बयान दे डाला. उन्होंने खुले तौर पर कहा कि राजा, यानि सांसद, विधायक, मंत्री और प्रधानमंत्री को कट्टर हिंदूवादी होना चाहिए. जो लोग वोट का इस्तेमाल नहीं करते हैं उनके खिलाफ बोलते हुए कालीचरण ने इसे इस्लाम से जोड़ दिया. वह कहने लगे कि वोट के अधिकार का इस्तेमाल नहीं करने से देश में इस्लाम हावी होगा.

धर्मांतरण पर बोलते हुए कालीचरण  ने एक नई व्याख्या कर डाली. उन्होंने कहा कि धर्मांतरण को रोकने के लिए जाति व्यवस्था को खत्म कर देना चाहिए. तभी धर्मांतरण रुकेगा. जिन लोगों को समाज से प्रेम नहीं मिला, जिन वर्गों को मंदिर में प्रवेश नहीं मिला. ऐसे लोगों ने ही दूसरे धर्म को अपनाया है. इतना ही नहीं ऐसे लोगों की देखा-देखी करते हुए अन्य लोग अब धर्मांतरण को अपना रहे हैं. इसलिए जाति व्यवस्था को खत्म कर ही धर्मांतरण की समस्या का हल पाया जा सकता है.

राज्य गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास  ने कालीचरण के बयान पर कड़ा एतराज जताया. उन्होंने कहा कि वह अगले साल धर्म संसद में वह शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि मंच से महात्मा गांधी के खिलाफ अशोभनीय बातें कही गई है. हम इसका विरोध करते हैं. उन्होंने गुस्से में मंच छोड़ दिया और धर्मसंसद से बीच में चले गए.