कोर्ट आदेश के बाद भी महाविद्यालय अतिथि व्याख्याताओं के लिए नियम नहीं बने - छत्तीसगढ़ अतिथि व्याख्याता महासंघ
महाविद्यालयीन छत्तीसगढ़ अतिथि व्याख्याताओं का कहना है कि माननीय न्यायालय द्वारा अतिथि व्याख्याताओं के लिए राज्य शासन को समय-समय पर महाविद्यालयीन अतिथि व्याख्याताओं के लिए एक व्यवस्था बनाने के आदेश दिए हैं लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई नियम नहीं बनी है जबकि अन्य राज्यों में एक नियम के तहत सम्मानजनक वेतन निर्धारित करते हुए 65 वर्ष तक सेवा अवधि प्रदान कर दिए हैं जबकि छत्तीसगढ़ राज्य में पूर्व सरकार के साथ ही साथ वर्तमान सरकार के 3 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी किसी भी प्रकार की कोई नियम अतिथि व्याख्याताओं के लिए नहीं बन पाई है इसके साथ ही साथ लोक सेवा आयोग से सहायक प्राध्यापक भर्ती होने के बाद अतिथि व्याख्याता ओं को कई-कई साल सेवा देने के बाद भी बाहर का रास्ता दिखाया जा रहे हैं इसके प्रभावित ना होने के लिए अन्य महाविद्यालयों में नियुक्ति भी नहीं दी जा रही है ऐसे में प्रभावित होने वाले व्याख्याताओं के पास जीविकोपार्जन की समस्या बनते जा रही है जबकि हमारी भी नियुक्ति राज्य शासन के द्वारा बनाए गए मेरिट नियम के तहत हुई है।
इन सभी समस्याओं को लेकर छत्तीसगढ़ महाविद्यालयीन अतिथि व्याख्याता महासंघ के द्वारा विभागीय सचिव महोदय जी, माननीय मंत्रीजी, उच्च शिक्षा एवं माननीय छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री महोदय जी से कई- कई बार मुलाकात एवं समय-समय पर पत्र प्रेषित कर निवेदन किए गए लेकिन इस पर 3 साल गुजरने के बाद भी कोई विचार नहीं किए गए । ऐसे में हम अतिथि व्याख्याता करे तो क्या करें एवं अप्रैल माह में सेवा अवधि समाप्त हो जाएगी ऐसे में समस्या और विकट हो जाएगी इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ अतिथि व्याख्याता महासंघ माननीय मुख्यमंत्री जी एवं विभागीय मंत्री महोदय जी से निवेदन करती है कि हमारी सेवा अवधि को निरंतर रखते हुए हमारे लिए एक व्यवस्था बनाकर 65 साल सेवा अवधि प्रदान करने की कृपा करें।