आयोग अध्यक्ष ने दो बच्चों को सदस्यों की कुर्सी पर बैठाया उन्होंने अपने माता पिता को एक साथ रहने का फैसला सुनाया

महिला आयोग में शिकायत करने पर कर्मचारियों को ना धमकाएं अधिकारी-डॉ नायक राजनांदगांव की विशाखा कमेटी की अध्यक्ष और सदस्यों को उपस्थित होने आयोग ने दिया निर्देश आयोग ने खरोरा के दो थाना प्रभारी के विरुद्ध कड़े दिशा निर्देश जारी किए

आयोग अध्यक्ष ने दो बच्चों को सदस्यों की कुर्सी पर बैठाया उन्होंने अपने माता पिता को एक साथ रहने का फैसला सुनाया

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य श्रीमती अर्चना उपाध्याय ने आज राज्य महिला आयोग कार्यालय शास्त्री चौक रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जनसुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डॉ नायक ने अपने कार्यकाल की आज 155वीं जनसुनवाई की। रायपुर की आज 81वीं जनसुनवाई में कुल 34 प्रकरण रखे गये थे। इनमे से 4 प्रकरण नस्तीबद्ध किये गए, शेष प्रकरण को आगामी समय मे सुनवाई की जाएगी।
एक प्रकरण में आवेदिका ने अपने जेठ जेठानी और पति के विरुद्ध शिकायत की है।जिसमे पति उपस्थित हुए जेठ जेठानी आज की सुनवाई में अनुपस्थित रहे। आवेदिका ने बताया कि मुझे पति से किसी प्रकार से शिकायत नही है। जेठ जेठानी से शिकायत है।उनके कारण हम दोनों जुलाई माह से अलग रह रहे है। हमारे 5 वर्ष का पुत्र और 10 वर्ष की पुत्री है जो आज की सुनवाई में उपस्थित रहे। आयोग की अध्यक्ष डॉ नायक ने आज दोनो बच्चों को सदस्यों की कुर्सी पर बैठाया उन्होंने अपने माता पिता का फैसला सुनाया है। बच्चों ने फैसला सुनाते हुए कहा के हमे आप दोनो के साथ रहना है। इस स्तर पर आयोग के समक्ष पति पत्नी ने साथ रहने अपनी सहमति दी और हाथ मिलाकर एक दूसरे से माफी मांगी। इस प्रकरण में पति को आयोग ने हिदायत दी कि आवेदिका के जेठ जेठानी को आयोग की आगामी सुनवाई में साथ में लेकर आए,नही आने की दशा में उनके विरुद्ध कार्यवाही हेतु आयोग निर्देशित करेगा।
एक अन्य प्रकरण में बलरामपुर के अनावेदक एसडीएम द्वारा महिला पटवारियों को परेशान करने की शिकायत पर सुनवाई किया गया।जिसमें अनावेदक एसडीएम अनुपस्थित रहे। आवेदिकागणों ने बताया कि आयोग की सुनवाई में उपस्थित होने पर एसडीएम के द्वारा उनके विरुद्ध कार्यवाही कर सकते हैं। इस स्तर पर आयोग द्वारा आश्वस्त किया गया कि महिला आयोग में आने के लिए कोई भी अधिकारी रोक नही लगा सकते हैं। इस प्रकरण को आगामी सुनवाई में रखते हुए अनावेदक को उपस्थित होना सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए।एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने आवेदन के समर्थन में हुई एसपी राजनांदगांव कार्यालय में हुई समस्त कार्यवाही की सत्यापित प्रतिलिपि दस्तावेज को आयोग के अभिलेख में प्रस्तुत किया। दोनो अनावेदकगणों ने एसपी कार्यालय में अपने बयान के माध्यम से आवेदिका से माफी मांगा और शपथ पत्र माफीनामा में हस्ताक्षर भी किया है। सभी दस्तावेज एसपी कार्यालय राजनांदगांव में यह समस्त कार्यवाही माह अक्टूबर 2021 को किया गया था। दोनो अनावेदकगणों के द्वारा माफी मांगने पर आवेदिका ने शिकायत नस्तीबद्ध करवा दिया था। लेकिन उस कार्यवाही के बाद भी दोनो अनावेदकगणों ने आवेदिका के साथ मानसिक प्रताड़ना और चारित्रिक दोषारोपण किया जा रहा है।आवेदिका ने इसकी शिकायत विभागीय स्तर पर किया था। जिसमे विशाखा कमेटी ने अब तक कोई कार्यवाही नही किया है। आवेदिका का कहना है कि अनावेदकगण विशाखा कमेटी के लोगों पर प्रभाव और पहुंच डालकर कार्यवाही नही होने दे रहे हैं। इस स्तर पर आयोग ने इस प्रकरण से सम्बंधित समस्त दस्तावेज लेकर पशु चिकित्सा विभाग राजनांदगांव के विशाखा कमेटी के अध्यक्ष एवं सदस्यों को आयोग में आवश्यक रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए गए। जिससे इस प्रकरण का निराकरण किया जा सकेगा।
इसी तरह एक प्रकरण में आवेदिका उपस्थित अनावेदकगण अनुपस्थित रहे। पिछली सुनवाई में थाना खरोरा के वर्तमान एवं पूर्व थाना प्रभारी को भी उपस्थित होने के निर्देश आयोग की ओर से दिया गया था उसके बावजूद आज के सुनवाई में वे अनुपस्थित रहे। थाना खरोरा से इंस्पेक्टर उपस्थित हुए उन्होंने जानकारी दिया कि विधानसभा सत्र में ड्यूटी होने के कारण वर्तमान थाना प्रभारी आज की सुनवाई में उपस्थित नही हो पाए हैं। आज आयोग ने सुनवाई में उपस्थित इंस्पेक्टर को निर्देशित किया गया कि आगामी सुनवाई में आवेदिका की शिकायत मछली मारने के पैसे अनावेदकगणों से वापस कराएं अथवा उन सभी के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कर आयोग की आगामी सुनवाई में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। यदि इस प्रकरण का निराकरण करने में थाना प्रभारी खरोरा असफल रहेंगे तो पिछली सुनवाई के निर्देशानुसार डीजीपी को दोनो थाना प्रभारी के विरुद्ध आयोग द्वारा पत्र भेजकर विभागीय कार्यवाही की अनुशंसा कर दिया जाएगा।