पाक हमले नाकाम, चकलाला से सियालकोट तक भारतीय जवाबी कार्रवाई

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों पर करारा प्रहार किया। इसके जवाब में बौखलाए पाकिस्तान ने बीते चार दिनों से भारत के सीमावर्ती इलाकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। मिसाइल, ड्रोन और मोर्टार हमलों के जरिए भारत के नागरिक और सैन्य ठिकानों को टारगेट किया गया है, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने समय रहते कई हमलों को विफल कर दिया।
गुरुवार की रात पाकिस्तान ने भारत के कई एयरबेस पर हमला करने की कोशिश की, जिसे भारतीय सुरक्षा बलों ने पूरी तरह नाकाम कर दिया। इसके बाद भारत ने तगड़ा जवाब देते हुए पाकिस्तान के अंदर कई अहम सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए हैं।
भारत की जवाबी कार्रवाई में निशाने पर रहे ये पाक सैन्य ठिकाने:
चकलाला एयरबेस (एलओसी से 100 किमी)
पाकिस्तान वायुसेना का वीआईपी और लॉजिस्टिक बेस, जिसे नूर खान एयरबेस के नाम से भी जाना जाता है।
मुरीद एयरबेस (एलओसी से 160 किमी)
ड्रोन संचालन और हवाई रक्षा अभियानों का प्रमुख केंद्र। इस्लामाबाद से 120 किमी दूर।
रफीकी एयरबेस (फजिल्का से 175 किमी)
JF-17 और मिराज जैसे फाइटर जेट्स की तैनाती वाला बेस, आक्रामक अभियानों के लिए प्रसिद्ध।
रहीमयार खान एयरबेस (जैसलमेर से 180 किमी)
नागरिक हवाई अड्डा, पर संभावित सैन्य उपयोग के कारण निशाने पर।
सुक्कूर एयरबेस (जैसलमेर से 225 किमी)
हाल ही में सक्रिय किया गया, यहां से एफ-16 फाइटर जेट्स संचालित होते हैं।
चुनियांन एयरबेस (फिरोजपुर से 62 किमी)
लाहौर के पास स्थित यह ऑपरेशनल एयरबेस पाकिस्तान की हवाई सुरक्षा में अहम है।
पसरुर रडार साइट (गुरुदासपुर से 75 किमी)
वायु निगरानी और अलर्ट सिस्टम का अहम हिस्सा।
सियालकोट एविएशन बेस (सांबा से 55 किमी)
सैन्य और एविएशन गतिविधियों के लिए संवेदनशील आधार।
‘नागरिक विमानों की आड़ में हमला’
भारतीय विदेश मंत्रालय और सेना के अधिकारियों ने प्रेस वार्ता में खुलासा किया कि पाकिस्तान लाहौर से उड़ान भरने वाले नागरिक विमानों की आड़ में सैन्य गतिविधियां कर रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय नियमों का खुला उल्लंघन है।
झूठा प्रचार और भारत की सख्त प्रतिक्रिया
भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से भारत के एयर डिफेंस सिस्टम (S-400) और सूरत, सिरसा एयरबेस को नष्ट करने के झूठे दावे किए जा रहे हैं। भारत ने इन सभी फर्जी प्रचारों को खारिज कर दिया है और स्पष्ट किया है कि जमीनी सच्चाई कुछ और है।