क्या आपका बच्चा भी CBSE में हैं ‌? तो ये खबर आपके लिए जरूरी है, इस क्लास में अब साल में दाे बार होगी परीक्षा

क्या आपका बच्चा भी CBSE में हैं ‌? तो ये खबर आपके लिए जरूरी है, इस क्लास में अब साल में दाे बार होगी परीक्षा

दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड CBSE परीक्षा प्रणाली में बोर्ड ने फैसला लिया है कि कक्षा 10वीं की परीक्षा अब साल में दो बार आयोजित की जाएगी। यह बदलाव 2026 से लागू हो सकता है। इसके  तहत, अगर किसी छात्र को किसी कारणवश परीक्षा में शामिल होने का मौका नहीं मिलता या फिर वह बीमार हो जाता है, तो उसे पुनः परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। इसका उद्देश्य छात्रों को ज्यादा मौके देना और परीक्षा से जुड़ी तनावपूर्ण परिस्थितियों को कम करना है।शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हाल ही में CBSE के अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें NCERT, KVS (केंद्रीय विद्यालय संगठन), और NVS (नवोदय विद्यालय समिति) के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। इस बैठक में प्रस्तावित बदलावों की पूरी समीक्षा की गई। धर्मेंद्र प्रधान ने इन सुधारों के महत्व को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह कदम तनावमुक्त शिक्षण वातावरण बनाने की दिशा में आवश्यक हैं। उनका मानना है कि ये सुधार परीक्षा संबंधी तनाव को कम करने में मदद करेंगे और एक संतुलित मूल्यांकन प्रणाली सुनिश्चित करेंगे। इस नए बदलाव के बारे में आधिकारिक ड्राफ्ट जल्द ही जारी किया जाएगा, और बोर्ड जनता से इस पर अपने सुझाव भी मांगेगा। सीबीएसई का यह निर्णय छात्रों को अधिक अवसर देने का प्रयास है, ताकि वे परीक्षा में अपनी पूरी क्षमता से भाग ले सकें, चाहे कोई अप्रत्याशित कारण सामने आए। यह निर्णय शिक्षा के माहौल को बेहतर बनाने के लिए लिया गया है, जिससे बच्चों की सोचने की क्षमता और समझ पर ज्यादा जोर दिया जा सके, न कि केवल याद करने पर। CBSE ने 2026-27 से अपनी 260 विदेशी स्कूलों के लिए एक वैश्विक पाठ्यक्रम शुरू करने का भी निर्णय लिया है। यह पाठ्यक्रम छात्रों को वैश्विक शिक्षा प्रणाली से जोड़ने में मदद करेगा और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार करेगा। इसके अलावा, बोर्ड ने इस नई मूल्यांकन प्रणाली को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए शिक्षक प्रशिक्षण में भी निवेश करने की योजना बनाई है। शिक्षक प्रशिक्षण के जरिए, CBSE यह सुनिश्चित करना चाहता है कि स्कूलों में शिक्षक पूरी तरह से नए मूल्यांकन पैटर्न को समझें और छात्रों को सही दिशा में मार्गदर्शन करें।