शासकीय दंतेश्वरी पी०जी० महिला महाविद्यालय, जगदलपुर में विश्व मानवविज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में शोध एवं प्रोत्साहन प्रकोष्ठ के द्वारा एक व्याख्यान का आयोजन

शासकीय दंतेश्वरी पी०जी० महिला महाविद्यालय, जगदलपुर में विश्व मानवविज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में शोध एवं प्रोत्साहन प्रकोष्ठ के द्वारा एक व्याख्यान का आयोजन

आज दिनांक 20/02/2025 को शासकीय दंतेश्वरी पी०जी० महिला महाविद्यालय, जगदलपुर में विश्व मानवविज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में शोध एवं प्रोत्साहन प्रकोष्ठ के द्वारा एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता डॉ. डी. वी. प्रसाद (सह प्राध्यापक), दिल्ली विश्वविद्यालय उपस्थित रहें। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य डॉ श्यामाचरण ओगरे (सहायक प्राध्यापक) मानवविज्ञान द्वारा की गई। कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती माँ की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर की गई। महाविद्यालय की छात्रा कु आस्था झा (बी. ए. प्रथम वर्ष) के द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया गया। तत्पश्चात मुख्य वक्ता एवं 
मंचस्थ अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ से की गई।  महाविद्यालय की छात्रा खुशबू बेला (बी. ए. द्वितीय वर्ष) के द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। इसके पश्चात श्रीमती शबाना बेगम (अतिथि व्याख्याता, मानवविज्ञान) द्वारा विश्व मानवविज्ञान दिवस पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण  दिया। मानवविज्ञान विभाग की छात्राएं कु. लक्ष्मी साहू एवं कु. वेदिका जोशी (एमएससी तृतीय सेमेस्टर मानवविज्ञान) के द्वारा अपने मानवविज्ञान विषय से संबंधित अनुभवों को साझा किया। तत्पश्चात डॉ. बिन्दु साहू (अतिथि व्याख्याता समाजशास्त्र) के द्वारा मुख्य वक्ता को श्रीफल प्रदान कर उनका संक्षिप्त जीवन परिचय प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के वक्ता डॉ. डी. वी. प्रसाद के द्वारा विषय "Bastar Rebellion: An Inspiration for Freedom Movement and Self Rule" पर व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। जिसमें उन्होने मानवविज्ञान विषय का अनोखापन, विश्व मानवविज्ञान दिवस की प्रासंगिकता और विषय का मानव समुदाय में उपयोगिता के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होने मुरिया विद्रोह (बस्तर विद्रोह) के बारे में बताया एवं जल- जंगल-जमीन के संघर्ष की वास्तविकता को हमारे समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने बड़े ही रोचक तरीके से अपनी प्रस्तुतीकरण में झाडा सिरहा, गुण्डाधुर जैसे अनेक बस्तर के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में मानव वैज्ञानिक तकनीक से प्राप्त प्राथमिक आंकड़ों का सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किया। मानवविज्ञान विभाग के छात्राओं द्वारा मॉडल प्रदर्शनी आयोजित किया गया था, जिसमें पूरापाषाण युग से लेकर वर्तमान तक मानव की जैव - संस्कृतिक  उदविकास को दर्शाया गया । कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय की ओर से प्रभारी प्राचार्य डॉ श्यामाचरण ने अतिथि, वक्ता , छात्राओं, आयोजक, मीडिया कर्मियों और कर्मचारियों के प्रति आभार प्रकट किया। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ प्राध्यापिका डॉ. रश्मि शुक्ला, श्रीमती बबीता दीवान,  महाविद्यालय के प्राध्यापिका श्रीमती वैष्ण्वी मण्ड़ावी, सुश्री ज्योति त्रिपाठी ग्रन्थपाल श्रीमती जयश्री मण्डल, क्रीड़ाधिकारी श्री सत्यनारायण सोनंत, प्राध्यापकगण डॉ. आशीशधर दीवान, डॉ. बृजेश गौतम, डॉ. प्रियंका शुक्ला, डॉ. तृप्ति खनंग, डॉ. सीमा कालरा, डॉ. हेमलता मिंज, सुश्री जीविदा कोसले, सुश्री पदमनी ठाकुर, श्रीमती मनीषा नायडु, श्रीमती तहसीन सुल्ताना एवं महाविद्यालय के 50 से अधिक छात्राएं उपस्थित रहीं। इस कार्यक्रम में मंच संचालन श्रीमती शबाना बेगम द्वारा किया गया।