मोबाइल चुराकर ऑनलाइन ठगी करने वाले 4 अंतरराज्यीय आरोपी गिरफ्तार

मोबाइल चुराकर ऑनलाइन ठगी करने वाले 4 अंतरराज्यीय आरोपी गिरफ्तार

रायपुर में मोबाइल फोन चोरी और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। झारखंड और पश्चिम बंगाल से चार मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह कार्रवाई गुढ़ियारी और तेलीबांधा थाना क्षेत्र में दर्ज मामलों की तफ्तीश के दौरान की गई।

क्या है मामला?
शिकायतकर्ता गोविंद राम वाधवानी ने तेलीबांधा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 22 जून को सब्जी बाजार में अज्ञात युवक ने उसके हाथ से मोबाइल झपट लिया और मोबाइल के UPI से 1.85 लाख रुपये दो खातों में ट्रांसफर कर दिए।

कैसे पकड़े गए आरोपी?
रायपुर पुलिस की एंटी क्राइम और साइबर यूनिट व गुढ़ियारी थाना पुलिस की टीम ने झारखंड के साहेबगंज और कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में कई दिन कैंप कर गिरोह के चार सदस्यों को पकड़ा। टीम ने कांवड़िये का वेश धारण कर आरोपियों को चकमा देकर गिरफ्तार किया।

गिरफ्तार आरोपी:
    देवा उर्फ देव कुमार महतो (सरगना), साहेबगंज, झारखंड
    कन्हैया कुमार मंडल, साहेबगंज, झारखंड
    विष्णु कुमार मंडल, साहेबगंज, झारखंड
    ओम प्रकाश ठाकुर, कोलकाता, पश्चिम बंगाल

अब तक की कार्रवाई:
    आरोपियों से 3 मोबाइल फोन, 2 सिम कार्ड, 40+ QR कोड, और करोड़ों की ट्रांजेक्शन से जुड़े डेटा बरामद
    गिरोह ने अप्रैल से जून के बीच देशभर में 80 से अधिक मोबाइल चोरी की वारदातें कबूली
    बिहार, झारखंड, एमपी, महाराष्ट्र, यूपी, दिल्ली, राजस्थान सहित कई राज्यों में गतिविधियां
    गिरोह का नेटवर्क तीन हिस्सों में काम करता था: चोरी, डिजिटल ठगी, और रकम का ट्रांसफर

गिरोह का ऑपरेशन तरीका:
    एक ग्रुप बाजारों में भीड़ में मोबाइल चोरी करता
    दूसरा ग्रुप पीड़ित के फोन से UPI ट्रांजेक्शन कर पैसे पश्चिम बंगाल भेजता
    तीसरा ग्रुप वहां से पैसे निकालकर झारखंड भेजता और कमीशन बांटता

पुलिस का बयान:
अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर और डीन डॉ. विवेक चौधरी ने इसे एक सांझा सफलता बताया और कहा कि यह कार्रवाई साइबर और अपराध नियंत्रण के लिए रायपुर पुलिस की ताकत और तत्परता को दर्शाती है।

आगे क्या?
    गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए अंतरराज्यीय छापेमारी जारी
    सभी संबंधित राज्यों को जानकारी भेजी जा रही है

रायपुर पुलिस ने संगठित ऑनलाइन ठगी और मोबाइल चोरी गिरोह को पकड़कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। देशभर में फैले इस गैंग की गिरफ्तारी से हजारों लोगों की मेहनत की कमाई लुटने से बच सकती है। साइबर अपराध के बढ़ते खतरों के बीच यह कार्रवाई सख्त निगरानी और बेहतर कोऑर्डिनेशन का उदाहरण है।