राज्यभर में नौनिहालों के लिए की जाएगी ‘बालवाड़ी’ की स्थापना

पहले चरण में 6 हजार से अधिक बालवाड़ी की स्थापना होगी खेल आधारित गतिविधियों से सीखने पर दिया जाएगा जोर

राज्यभर में नौनिहालों के लिए की जाएगी ‘बालवाड़ी’ की स्थापना

छत्तीसगढ़ में नौनिहालों की शिक्षा और शिक्षा स्तर में सुधार के लिए राज्य सरकार की ओर से कई पहल किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को भी बेहतर अवसर दिलाने के लिए स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शुरुआत की है। अब नई शिक्षा नीति के तहत राज्य सरकार ने बालवाड़ी की स्थापना की पहल की है। इन बालवाड़ी केन्द्रों में खेल आधारित गतिविधियों के माध्यम से नौनिहालों के सीखने पर जोर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने पहले चरण राज्यभर में छह हजार से अधिक बालवाड़ी केन्द्रों की स्थापना की घोषणा हाल ही में गणतंत्र दिवस के मौके पर की थी।     

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने नई पीढ़ी के सुरक्षित भविष्य के लिए स्कूल शिक्षा से उच्च शिक्षा तक और रोजगार से लेकर संस्कार विकसित करने तक अनेक कदम उठाए हैं। प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को भी भविष्य में बेहतर अवसर मुहैया कराने के लिए स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम शालाओं की स्थापना की। राज्य में अभी 171 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम शालाएं संचालित की जा रही हैं, जिनमें 20 हजार से अधिक बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा दी जा रही है। इसी तरह पर ऐसी हिन्दी शालाओं की स्थापना भी प्रत्येक जिलों में की जाएगी। वहीं प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल के अंतर्गत 5 से 6 वर्ष आयु उम्र के बच्चों के लिए ऐसे स्थानों पर प्ले स्कूल ‘बालवाड़ी’ की स्थापना की जाएगी, जहां आंगनवाड़ी और प्राथमिक शाला एक ही प्रांगण में हों। प्रथम चरण में ऐसी 6 हजार से अधिक बालवाड़ी प्रारंभ की जाएगी। स्कूल शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ऐसे केन्द्रों की संख्या 6536 है, जहां प्राथमिक शालाएं आंगनबाड़ी में ही स्थित हैं। प्रस्ताव के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2022-23 से ही बालवाड़ी (बालवाटिका) का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।

गतिविधि आधारित पुस्तिका तैयार –

विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बालवाड़ी में प्रवेश के लिए 5 से 6 वर्ष आयु उम्र के बच्चों की अनुमानित संख्या एक लाख 15 हजार है। इन बच्चों के लिए एससीईआरटी ने बालवाटिका गतिविधि पुस्तिका भी तैयार कर ली है।