सावरकर पर अमित शाह के बयान से भड़के सिंहदेव, ट्वीट कर किया पलटवार

सावरकर पर अमित शाह के बयान से भड़के सिंहदेव, ट्वीट कर किया पलटवार

शनिवार 16 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पोर्ट ब्लेयर में सावरकर पर बयान दिया था. जिसके बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति एक बार फिर सावरकर पर सुलग गई. शाह के बयान पर सिंहदेव ( TS Singhdeo ) ने ट्वीट कर निशाना साधा है. सिंहदेव ने कहा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोसकी तुलना सावरकर के साथ करना नेताजी के साथ नाइंसाफी है.

पोर्ट ब्लेयर में जनसभा को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मेरा मानना ​​है कि वीर सावरकर जैसी देशभक्ति की भावना किसी और में नहीं थी. उन्होंने कहा कि अपना रुख बदले बिना, समाज के विरोध का सामना करते हुए कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने खुलकर अपने विचार रखे. कहा कि मुझे लगता है कि बहुत कम लोगों में वह साहस है जो उनके पास था.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सालों तक कई नेताओं की छवि खराब करने की कोशिश की गई लेकिन अब उन्हें इतिहास में उचित स्थान देने का समय आ गया है. अपने प्राणों की आहुति देने वालों को इतिहास में जगह मिलनी चाहिए. इसलिए हमने इस द्वीप का नाम नेताजी के नाम पर रखा.इससे पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह स्वतंत्रता का तीर्थ स्थान है. मैं सभी युवाओं से एक बार अंडमान और निकोबार की यात्रा करने का आग्रह करता हूं. शाह ने कहा कि जब हम नेताजी के जीवन को देखते हैं तो हमें लगता है कि उनके साथ अन्याय हुआ है. वह जिस स्थान के हकदार हैं, वह उन्हें इतिहास में नहीं दिया गया.

सिंहदेव ने ट्वीट कर किया पलटवार

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर टीएस सिंहदेव ने पलटवार किया. उन्होंने कहा अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि 'नेताजी सुभाषचंद्र बोस के साथ नाइंसाफी तो उनकी तुलना सावरकर के साथ करना है. नेताजी अदम्य साहसी थे. जबकि सावरकर माफिनामों के लेखक, नेताजी ने अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए...सावरकर ने उनकी मुखबरी की. नेताजी ने आज़ाद हिंद फौज बनाई...सावरकर ने अपनी पेंशन बनाई. इसके साथ ही सिंहदेव ने लिखा कि कृपया नेताजी की गरिमा पर दाग न लगाएं.

बघेल ने भी बोला था हमला

इससे पहले 13 अक्टूबर को मुख्यमंत्री भूपेघ बघेल  ने सावरकर पर बयान दिया था. जिसके बाद बीजेपी ने उन पर पलटवार किया था. भाजपा ने कहा था कि इतिहास की कमजोर जानकारी के कारण प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने साथ-साथ अपनी पार्टी और अपनी सरकार की भी फजीहत करवा रहे हैं. दरअसल मुख्यमंत्री ने सावरकर  को लेकर कहा कि महात्मा गांधी  वर्धा में थे और यह ससुराल जेल में थे तो उनसे इनकी मुलाकात कब हो गई. सावरकर माफी मांगने के बाद जीवन भर अंग्रेजों के साथ रहे. फूट डालो और शासन करो का एजेंडा अंग्रेजों का था. सावरकर ने ही सबसे पहले दो भारत की बात कही थी