अंबिकापुर में 7 बच्चों की मौत से हड़कंप, दिल्ली दौरा छोड़ सरगुजा पहुंचे सिंहदेव

अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 7 बच्चों की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव अंबिकापुर लौटे और हालातों का जायजा लेने में जुट गए हैं. बच्चों की मौत की वजह जानने के लिए जांच टीम का गठन किया गया है.

अंबिकापुर में 7 बच्चों की मौत से हड़कंप, दिल्ली दौरा छोड़ सरगुजा पहुंचे सिंहदेव

सरगुजा के अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बीते 3 दिनों में 7 बच्चों की मौत से पूरा छत्तीसगढ़ हिल गया है. इन सात बच्चों में 5 बच्चे नवजात थे. सीएम बघेल ने प्रभारी मंत्री शिव डहरिया को रायपुर से सरगुजा भेजा है. हालत को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपना दिल्ली दौरा रद्द कर दिया है और वह अंबिकापुर पहुंचे. यहां पहंचने के बाद टीएस सिंहदेव ने अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू वार्ड में समीक्षा की और डॉक्टरों से बात की है. स्वास्थ्य विभाग ने इस केस में एक चार सदस्यीय जांच टीम गठित की है. जो मामले की जानकारी लेंगे और जांच रिपोर्ट सौपेंगे. इस बात की जानकारी डीन आर मूर्ति ने दी है.

शिशु रोग विभाग के प्रमुख डॉ जेके रेलवानी का बयान

अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू के डॉक्टर जे के रेलवानी ने जानकारी दी है . बच्चों को भर्ती करने के दौरान उनके परिजनों को पूरी जानकारी दे दी जाती है. जब बच्चे गंभीर हालत मे आते हैं तो परिणाम हमारे पक्ष में नहीं रहते हैं. यहां जो बच्चे भर्ती हैं उनकी स्थिति क्रिटिकल कंडीशन में थी. उन्होंने बताया कि जिन बच्चों की मौत हुई है वे प्री मेच्योर थे. समय से पहले बच्चों का जन्म होने पर इस तरह की समस्याएं आती हैं. उन्हें वेंटिलेटर पर रखकर उपचार किया जाता है. किसी बच्चे में खून की कमी नहीं थी. अस्पताल की तरफ से किसी प्रकार की लापरवाही नहीं हुई है.

जिन नवजात की मौत हुई वह प्री मैच्योर थे-सुमन तिर्की

SNCU की प्रभारी डॉक्टर सुमन सुधा तिर्की ने बताया कि शनिवार को जिन 5 नवजात बच्चों की मौत हुई है. वह सभी प्री मैच्योर थे. समय पूरा होने से पहले ही उनका जन्म हो गया था. जिसकी वजह से उनके अंग पूरी तरह विकसित नहीं हुए थे. इनमे से 2 बच्चों का वजन एक किलो से भी कम था. सुमन तिर्की ने बताया कि 16 अक्टूबर को 5 बच्चों की मौत हुई है. इन पांच बच्चों में से 4 बच्चे बाहर से यहां आए थे. एक दिन के अंदर ही इन बीमार बच्चों की मौत हुई है. लेट रेफरल की वजह से इन बच्चों की मौत हुई है. SNCU में 5 बच्चों की मौत हुई है. 17 तारीख की डेट में SNCU में किसी बच्चों की मौत नहीं हुई है. जबकि वार्ड में दो बच्चों की मौत हुई है. तीन दिन के अंदर डॉक्टर सुमन ने बताया कि 7 बच्चों की मौत हुई है

परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर लगाए गंभीर आरोप

बच्चों की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. लेकिन अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन ने किसी भी तरह की लापरवाही से इंकार किया है. एक बीमार नवजात बच्चे के पिता महेश कुमार ने बताया कि उनका बच्चा अभी अस्पताल में भर्ती है. उन्होंने कहा कि यहां के डॉक्टर खुलकर कुछ नहीं बता रहे हैं. उन्होंने अस्पताल पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं.