अंबिकापुर में नवजातों की मौत के बाद 3 मंत्रियों ने ली विभागीय बैठक, कहा-'अस्पताल को मजाक बना दिया', 4 डॉक्टरों की लगी थी ड्यूटी लेकिन अस्पताल में एक भी नहीं

अंबिकापुर में नवजातों की मौत के बाद 3 मंत्रियों ने ली विभागीय बैठक, कहा-'अस्पताल को मजाक बना दिया', 4 डॉक्टरों की लगी थी ड्यूटी लेकिन अस्पताल में एक भी नहीं

मेडिकल कॉलेज के MCH के एसएनसीयू वार्ड  में 7 बच्चों की मौत को लेकर प्रदेश में मचे बवाल के बाद रविवार की रात स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव  और जिले के प्रभारी मंत्री शिव कुमार डहरिया अंबिकापुर पहुंचे. मंत्री डहरिया के साथ खाद्यमंत्री अमरजीत भगत भी मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने मेडिकल कॉलेज अस्पताल  के MCH भवन का निरीक्षण किया. अस्पताल के निरीक्षण के बाद मंत्री डहरिया ने प्रबंधन की बैठक ली. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और अमरजीत भगत भी मौजूद रहे.

मंत्री डहरिया ने नाराजगी जताते हुए 15 व 16 अक्टूबर को मरने वाले बच्चों की संख्या व मौत के कारणों की जानकारी मांगी. जिस पर डीन डॉ. मूर्ति व अन्य चिकित्सकों ने बताया कि बच्चे लो बर्थ वेट, प्री मेच्योर थे और उन्हें अन्य कॉम्प्लिकेशन की बात कही. इस पर डहरिया ने कहा कि अस्पताल में 15 दिन में 37 मौतें हुई है जो बहुत ज्यादा है. मंत्री के सवालों का जवाब देते हुये अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल में 139 बच्चे एडमिट हुए जिसमें से 37 मौतें हुई है. इनमें से 19 ही इन बर्न बच्चे हैं.

डहरिया ने घटना के दिन डॉक्टर की ड्यूटी लिस्ट और चार्ट मांगा, साथ ही इन दिनों में होने वाली मौतों की रिपोर्ट बनाकर देने को कहा. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव से कहा कि उस दिन अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं था. उस दिन चार प्रोफेसर की ड्यूटी थी. लेकिन कोई नहीं था. यहां एक जिम्मेदार डॉक्टर को हमेशा रहना चाहिए. इस बात की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी.

मंत्री ने बैठक में साफ-सफाई को लेकर नाराजगी जताई. अस्पताल में चारों तरफ गंदगी दिखी. इसे लेकर उन्होंने डीन से सवाल किया. इसपर मंत्री सिंहदेव ने कहा कि अस्पताल में मरीज के परिजन के अनियमित आगमन को सुधारना होगा. अस्पताल के पाइप लाइन में बोरी, चादर, सेनेटरी पैड निकल रहा है.

डहरिया ने मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक से पूछा कि आप घटना के दिन कहा थे. शिकायत ये है कि उस दिन अस्पताल में ड्यूटी पर कोई डॉक्टर नहीं था. नर्स ही जिम्मेदारी संभाल रहे थे. अस्पताल में पूरी नेगलिजेंसी है. अस्पताल को आप लोगों ने मजाक बनाकर रखा है. डॉक्टरों द्वारा ड्यूटी की दलील देने पर उन्होंने कहा कि उस दिन के साथ ही सभी दिन का अटेंडेंस रजिस्टर निकाला जाए. अब अस्पताल में डॉक्टर के नर्स सहित अन्य स्टाफ की अटेंडेंस ऑनलाइन लगेगी.

बैठक के दौरान डहरिया ने कहा कि यह प्रशानिक लापरवाही है. नर्स उस दिन मरीज देख रहे थे. इतनी बड़ी घटना हो रही है. जिससे सरकार की बदनामी हो रही है. उन्होंने कहा कि त्यौहार मानना ठीक है. लेकिन लापरवाही नहीं चलेगी. अब अस्पताल के MS व HOD एक साथ एक दिन छुट्टी पर नहीं जाएंगे.

घटना को लेकर स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने डीन से कहा कि 'आप कह रहे हैं डॉक्टर थे तो मंत्री जी के पास जानकारी कैसे है कि कोई नहींं था'. सिंहदेव ने घटना के दिन का CCTV फुटेज उपलब्ध कराने के साथ ही 15 दिनों का डाटा भी उपलब्ध कराने को कहा.

बैठक के दौरान ड्यूटी डॉक्टर को बुलाकर पूछताछ की गई. जिस पर उन्होंने बताया कि उस रात वे ड्यूटी पर थी व बच्चों को देखने के साथ ही उनकी रिपोर्ट लिखी थी. परिजन को भी वस्तु स्थिति से अवगत कराया था. इस पर मंत्री सिंहदेव ने कहा कि रायपुर व जगदलपुर की तुलना में यहां मौत का प्रतिशत 28 प्रतिशत है. लेकिन यह भी अधिक है. इसे कम करने की जरूरत है. मंत्री डहरिया ने कहा कि CMHO सभी निजी हॉस्पिटल की भी सारी जानकारी रखेंगे. निजी अस्पताल से कितना रेफर आया है इस बात का पूरा डेटा रखने के निर्दश उन्होंने दिए.