सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को निकालने 70 घंटे से जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन

सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को निकालने 70 घंटे से जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन

उत्तरकाशी (एजेंसी)।  उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एक निर्माणाधीन सुरंग ढहने से मलबे में फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए करीब 70 घंटे से प्रयास जारी है। रेस्क्यू आॅपरेशन में जुटे अधिकारियों को उम्मीद है कि मलबे में दबे सभी मजदूरों को आज सुरक्षित निकाल लिया जाएगा। हालांकि, मंगलवार को हुए नए भूस्खलन के चलते बचाव अभियान के दौरान भगदड़ मच गई, जिसके चलते दो मजदूर घायल हो गए। उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक रुहेला ने पहले संवाददाताओं से कहा कि अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ, तो फंसे हुए मजदूरों को बुधवार को निकाला जाएगा।
160 से अधिक राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवान फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। सभी 40 मजदूर ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिल्क्यारा और डंडालगांव के बीच बन रही सुरंग के अंदर फंसे हुए थे, जो रविवार को भूस्खलन के बाद धंस गई।
छह मीटर की लंबाई वाले 900-मिलीमीटर (लगभग 3 फीट) रेडिएस के आठ पाइप और समान लंबाई के 800-मिलीमीटर रेडिएस के पांच पाइप, दोनों हल्के स्टील से बने, एग्जिट गेट पर लाए गए हैं। प्लान यह है कि ड्रिलिंग मशीन का इस्तेमाल करके दोनों पाइपों को एक के बाद एक को मलबे में धकेला जाएगा, जिसके जरिए मजदूरों के सुरक्षित निकलने की उम्मीद बनी हुई है।
सिल्कयारा की ओर से सुरंग के मुहाने से 270 मीटर की दूरी पर ढहे 30 मीटर के खंड के मलबे के माध्यम से पाइप डाले जाएंगे। पाइपों को भेदने की प्रक्रिया को शॉटक्रेटिंग कहा जाता है। वहीं मलबे पर एकत्रित हुए हल्क मलबे को स्थिर करने के लिए मलबे पर कंक्रीट का छिड़काव किया जाएगा। मलबे के माध्यम से पाइपों को जाम करने के लिए हाइड्रोलिक जैक का उपयोग किया जाएगा।