रेल राज्यमंत्री ने बस्तर सांसद दीपक बैज को लिखा पत्र...

रेल मंत्रालय को यह बताने में दो साल लग गए कि दल्ली रावघाट बस्तर लाइन निर्माण कार्य प्रगति पर है!

रेल राज्यमंत्री ने बस्तर सांसद दीपक बैज को लिखा पत्र...

 संसद में बस्तर की रेलसेवा से जुड़े सवाल के संदर्भ में रेल राज्यमंत्री रावसाहेब दानवे ने बस्तर सांसद दीपक बैज को लिखे पत्र में कहा है कि दल्ली, रावघाट, जगदलपुर रेल लाइन का कार्य प्रगति पर है। इस संबंध में सांसद श्री बैज का कहना है कि यह कार्य कब पूरा होगा। रायपुर -जगदलपुर के बीच रेल यात्री सेवा कब शुरू होगी। कार्य प्रगति पर है, यह कब तक सुनते रहेंगे

। समयसीमा तय कर जल्द से जल्द कार्य पूरा होना चाहिए। 
  गौरतलब है कि रायपुर से दल्ली तक तो रेल सेवा पहले से ही है। दल्ली, रावघाट, जगदलपुर के बीच तत्परता से रेल लाइन का काम किया गया होता तो बस्तर रायपुर के बीच रेल यात्रिसेवा काफी पहले शुरू हो गई होती।
  संसद और सरकार के स्तर पर बस्तर तथा छत्तीसगढ़ के हक की आवाज बुलंद करने वाले सांसद दीपक बैज को रेल, कोयला एवं खान राज्यमंत्री श्री दानवे ने पत्र लिखकर सूचित किया है कि आपने 20.11.2019 को लोकसभा में शून्य काल के दौरान   छत्तीसगढ़ में बस्तर (जगदलपुर) और रायपुर के बीच रेल लाइन के निर्माण का मामला उठाया था। मामले की जांच करवाई गई है और यह उल्लेखनीय है कि रायपुर को बस्तर (जगदलपुर) से जोड़ने के लिए दल्लीराजहरा- रावघाट- जगदलपुर रेल लाइन निर्माण कार्य प्रगति पर है। यह लाइन बस्तर जिले से होकर गुजरेगी। आशा है आप स्थिति से सहमत होंगे।
  विदित हो कि रेल राज्यमंत्री श्री दानवे को यह बताने में दो साल लग गए कि दल्ली- रावघाट- जगदलपुर रेल लाइन का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इतने वक्त में तो रायपुर- जगदलपुर के बीच यात्री रेलें दौड़ाई जा सकती थीं। सांसद दीपक बैज ने यह मामला 20.11.2019 को लोकसभा में शून्य काल के दौरान उठाया था और कार्य प्रगति पर है, यह बताने के लिए रेल राज्यमंत्री श्री दानवे ने सांसद श्री बैज को पूरे दो साल बाद  29.11.2021 को पत्र लिखा है। इससे समझा जा सकता है कि निर्माण कार्य प्रगति पर है, इसकी जांच कराने में दो साल लग गए तो काम पूरा होने में कितने साल लगेंगे।
  उल्लेखनीय है कि बस्तर सांसद दीपक बैज बस्तर की रेल और हवाई सेवाओं के विस्तार के लिए लगातार प्रयासरत हैं। हाल ही उन्होंने बस्तर की बंद पड़ी रेल सेवाओं की बहाली के लिए पहल की। उन्हीं के प्रयासों से बस्तर को वायुसेवा का लाभ मिल रहा है, जिसका दायरा बढ़ाने की कोशिश में वे लगातार सक्रिय हैं।