धर्म-संत, परिवार को जोड़े रखने में उपयोगीःबृजमोहन
भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि धर्म से नैतिक शिक्षा मिलती है। साधु, संत, महात्माओं के प्रवचन और प्रवास के माध्यम से यह नैतिक शिक्षा जन-जन तक पहुँचती है। नैतिक शिक्षा के द्वारा समाज के टूटते परिवारिक मूल्यों को बचाया जा सकता है। इस तरह आश्रम समाज के लिए उपयोगी हैं, इन आश्रमों में लोगों को ज्ञान ही नहीं बल्कि कैसे बच्चों को परिवार के साथ जोड़े रखें इसकी शिक्षा मिलेगी।
अग्रवाल सोनपैरी, अभनपुर में राष्ट्रीय संत असंग देव साहेब जी के कबीर आश्रम के नवनिर्मित भवन के उद्घाटन के उपलक्ष्य में संबोधित कर रहे थे। श्री अग्रवाल ने कहा कि कबीर की वाणी कटु है, सत्य है और उपयोगी है। आज लोग स्वार्थी है इसलिए दुःख पाते हैं। लोग संतों के पास उनके प्रवचन सुनने कम और अपनी समस्याएं सुनाने ज्यादा जाते हैं। जबकि सुख समृद्धि खुशहाली का एक मात्र रास्ता धर्म ही है। सोनपैरी में आश्रम का शुभारंभ इस दुर्गति को दूर करेगा और लोगों के जीवन में खुशहाली लाएगा ऐसी कामना है।
अग्रवाल ने कहा कि आजकल ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चे गलत दिशा की ओर जा रहे हैं। मोबाइल के उपयोग से बच्चे सीखते कम और बिगड़ते ज्यादा हैं। नई पीढ़ी को कैसे सही रास्ते पर लाया जाए, ऐसे समय संतों के मार्गदर्शन की आवश्यकता है, ताकि बच्चों में अध्यात्म के संस्कार दिए जा सकें। उन्होंने कहा कि नैतिक शिक्षा परिवार के बुजुर्गों से मिलती है लेकिन आज के युग में मोबाइल के कारण न बच्चों को बुजुर्गों के पास बैठने की फुर्सत है और न ही बुजुर्गों के पास बच्चों के लिए समय है ऐसे में बच्चे संस्कार कहाँ से पाएंगे। देश में सभी धर्म पूजा पद्धतियों की स्वीकार्यता है। साधु संत महात्माओं के प्रवास से इसकी पूर्ति होगी।
अग्रवाल ने कहा कि हर परिवार अपनी हैसियत से बढ़कर बच्चों को उच्च शिक्षा देने महानगरों में भेजता है परिणाम बच्चा अकेला रहना पसंद करता है और वहीं नौकरी कर लेता है वो माता-पिता के बुढ़ापे का सहारा नहीं बन पाता है। परिवार लगातार टूट रहे हैं। ऐसे में संत का सानिध्य बहुत ही उपयोगी है।
इस अवसर पर अग्रवाल ने राष्ट्रीय संत असंग देव साहेब का साल श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद लिया।