KOTA SUICIDE: एक ही दिन में दो छात्रों ने किया सुसाइड, इस वर्ष कुल 23 छात्र दे चुके हैं जान

रविवार के दिन दो छात्रों सुसाइड कर लिया. पहली सुसाइड की खबर एलन कोचिंग में पढ़ने वाले महाराष्ट्र निवासी आविष्कार संभागी के रूप में सामने आई, संभागी ने कोचिंग सेंटर की छत से कूदकर जान दी, जबकि सुसाइड करने वाले दूसरे छात्र की पहचान बिहार निवासी आदर्श के रूप में हुई है,

KOTA SUICIDE: एक ही दिन में दो छात्रों ने किया सुसाइड, इस वर्ष कुल 23 छात्र दे चुके हैं जान

कोटा जिले में छात्रों की सुसाइड की घटनाओं में कमी नहीं हो पा रही है. रविवार के दिन दो छात्रों सुसाइड कर लिया. पहली सुसाइड की खबर एलन कोचिंग में पढ़ने वाले महाराष्ट्र निवासी आविष्कार संभागी के रूप में सामने आई, संभागी ने कोचिंग सेंटर की छत से कूदकर जान दी, जबकि सुसाइड करने वाले दूसरे छात्र की पहचान बिहार निवासी आदर्श के रूप में हुई है,

उल्लेखनीय है कोटा में एक के बाद छात्रों के सुसाइड की खबरों से प्रशासन में हड़कंप है. सुसाइड करने वाले दूसरे छात्र के बारे में कुल्हाणी थाना पुलिस ने बताया कि मृतक आदर्श ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है. पुलिस के मुताबिक मृतक छात्र आदर्श भी कोटा में कोचिंग पढ़ता था.

उधर, कोटा जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने बच्चों की सुसाइड को देखते हुए एक एडवाइजरी जारी कर सभी कोचिंग संस्थानों को टेस्ट लेने से मना किया है. बता दें, रविवार को सुसाइड करने वाले छात्र आविष्कार संभागी ने एलन कोचिंग सेंटर में टेस्ट देने के बाद ही छठी मंजिल से छलांग लगा दिया था. माना जा रहा है टेस्ट अच्छा नहीं होने के चलते छात्र ने उक्त आत्मघाती निर्णय लिया होगा.

सुसाइड करने वाले महाराष्ट्र निवासी आविष्कार संभागी कोटा में अपने नाना-नानी के साथ रहता था और नीट की तैयारी कर रहा था. घटना की सूचना के बाद विज्ञान नगर थाना पुलिस छात्र को एक निजी अस्पताल में लेकर जाए, जहां चिकित्सकों ने उसको मृत घोषित कर दिया. एक ही दिन में दो छात्रों की मौत से कोटा में इस साल स्टूडेंट सुसाइड का आंकड़ा 23 पहुंच गया है, जबकि जिला प्रशासन लगातार बच्चों को स्ट्रेस फ्री रखने के लिए प्रयास कर रहा है, लेकिन मामले नहीं घट रहे हैं.

गौरतलब है कोटा में हर वर्ष लाखों की संख्या में युवक कोचिंग और तैयार के लिए आते हैं, लेकिन पिछले कई सालों से कोचिंग स्टूडेंट्स के सुसाइड के मामले थमते नजर नहीं आ रहे हैं. माना जा रहा है कि लगातार डिप्रेशन का शिकार हो रहे बच्चे ऐसे आत्मघाती कदम उठा रहे हैं.