2800 रुपए में सरकार खरीदे धान, अवैध नशा की मंडी बन गया प्रदेशः धरमलाल कौशिक

2800 रुपए में सरकार खरीदे धान, अवैध नशा की मंडी बन गया प्रदेशः धरमलाल कौशिक

बिलासपुरः प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक आज पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि उनकी सरकार जब प्रदेश में थी तो एक नवंबर से धान की खरीदी करती थी. जिससे केंद्र से मिलने वाला समर्थन मूल्य  किसानों को मिलता था लेकिन भूपेश सरकार इस बार धान की खरीदी 1 दिसंबर से करने जा रही है. इस वजह से किसानों को केंद्र के द्वारा मिलने वाला समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा.

इस वजह से अब किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा. धर्म लाल कौशिक ने सरकार से मांग की है कि किसानों का हो रहे समर्थन मूल्य के नुकसान की भरपाई राज्य सरकार करे और किसानों के धान की प्रति विंटर 28 सौ रुपए दे, ताकि किसानों को नुकसान ना हो.

किसानों को राज्य सरकार ने कहा था कि वो उनके बारदाने का पैसा देगी. लेकिन दो साल हो गए है और सरकार किसानों को बारदाने का पैसा नहीं दी है. धरमलाल कौशिक ने सरकार से यह भी मांग की है कि किसानों का 2 साल से रुका बारदाने का पैसा दे. इसके अलावा धरमलाल कौशिक ने कहा कि राज्य में 15 साल तक रही भाजपा की डॉ. रमन सिंह  के नेतृत्व वाली सरकार में धान खरीदी हर साल 1 नवंबर से शुरू हो जाता था, लेकिन भूपेश सरकार इस साल धान खरीदी 1 दिसंबर से शुरू करने जा रही है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि 1 नवंबर से धान खरीदने पर केंद्र से समर्थन मूल्य मिलता था.

अब राज्य सरकार एक माह देर से धान खरीद रही है. इस लिए किसानों को समर्थन मूल्य का पैसा राज्य सरकार दे. क्योंकि भाजपा सरकार किसानों से उनके धाम 1 नवंबर से खरीदना शुरू कर दी थी और किसानों को भी इससे लाभ होता था लेकिन 1 दिसंबर से धान खरीदी करने पर किसानों को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. क्योंकि एक महीना लेट होने पर धान सूख सकता सकता है और इससे किसानों के धान का वजन कम होगा. इससे किसानों को नुकसान होगा.

लगातार प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा रही है और चोरी, डकैती, हत्या, नक़बजनी, लूट, अवैध शराब और गांजा का छत्तीसगढ़ मंडी बन गया है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में रोज वारदातें हो रही हैं. सरकार को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि गांजा के साथ अवैध शराब की बिक्री पूरे प्रदेश में कई गुना बढ़ गई है. राज्य सरकार इस पर लगाम कसने में विफल साबित हो रही है. प्रदेश का हर तीसरा व्यक्ति शराब का आदी हो रहा है और इसकी वजह से कानून व्यवस्था खत्म हो गई है.