वर्तमान समय में समस्त पूजा पाठ हवन संस्कार, मंदिर के पुजारी हेतु पूरोहितों की आवश्यकता होती है। दिन प्रतिदिन संस्कार में हो रहे व्यावसायिक रूप से विकृत स्वरूप को परिष्कृत करने तथा अपने लोगों को रूढ़िवादी परंपरा से बाहर निकालने के उद्देश्य से एवं विशेष अवसर पर संस्कार कार्य हेतु लोगों की कमी को देखते हुए कूर्मि समाज द्वारा पुरोहित तैयार किया गया। इन तैयार किए गए पुरोहितों के माध्यम से परिष्कृत संस्कारों के द्वारा समाज के वर्तमान आवश्यकताओं, नवाचार व आवश्यक परम्पराओं तथा कुरीतियों को दूर करते हुए स्वस्थ वैज्ञानिक क्रिया कलापों को समाज में स्थापित जाना है। प्रशिक्षण के इस राष्ट्र व्यापी अभियान को मूर्त रूप देने के लिए भारतीय कूर्मि-क्षत्रिय महासभा एवं छत्तीसगढ़ कूर्मि-क्षत्रिय चेतना मंच के संयुक्त ततवाधान में चार दिवसीय आवासीय राष्ट्रीय कूर्मि पुरोहित प्रशिक्षण शिविर वासु मंगलम्, एयरपोर्ट रोड, चकरभाठा कैम्प, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में दिनॉक 23 जनवरी से 26 जवनरी 2025 को आयोजित किया।
इस चार दिवसीय आवासीय राष्ट्रीय कूर्मि पुरोहित प्रशिक्षण शिविर के समापन कार्यक्रम के अवसर पर मुख्य अभ्यागत अखिल भारतीय कूर्मि-क्षत्रिय महासभा के संरक्षक एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष कूर्मि माननीय एल. पी. पटेल थे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता कूर्मि लक्ष्मी प्रसाद चंद्राकर, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष- छत्तीसगढ़ कूर्मि-क्षत्रिय चेतना मंच द्वारा किया गया। प्रशिक्षण शिविर समापन कार्यक्रम के विशिष्ट अभ्यागतगगण के रूप में अखिल भारतीय कूर्मि-क्षत्रिय महासभा के पुरोहित प्रशिक्षण विकास प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. हेमंत कौशिक, अखिल भारतीय कूर्मि-क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष श्रीमति लताऋर्षि चंद्राकर, छत्तीसगढ़ कूर्मि-क्षत्रिय चेतना मंच के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष गण ईंजी.सिद्वेश्वर पाटनवार, कूर्मि बी. आर. कौशिक, चेतना मंच के संस्थापक सदस्य श्री राजेन्द्र चंद्राकर, ओथ कमिश्नर श्री शोभाराम कौशिक, चेतना मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. बी. पी. चंद्रा की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। अखिल भारतीय कूर्मि-क्षत्रिय महासभा के पुरोहित प्रशिक्षण विकास प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. हेमंत कौशिक द्वारा प्रशिक्षण में दिए गए संस्कार कार्य के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया गया कि प्रशिक्षित कूर्मि पुरोहितों द्वारा अब 16 संस्कारों में से वर्तमान् समय में प्रासंगित मुख्यतः 8 संस्कारों को सम्पन्न कराने की सूक्ष्मता से प्रशिक्षण दिया गया। अब प्रशिक्षित पुरोहित गण समाज में 8 संस्कार:- (1) गर्भाधान (2) नामकरण (3) अन्नप्राशन (4) विद्यारंभ (5) विवाह (6) अंत्येष्टि एवं मरणोत्तर संस्कार (7) जन्म दिवसोत्सव (8) विवाह दिवसोत्सव कराने के लिए प्रशिक्षित हो गए है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य आसंदी से बोल रहे श्री एल. पी. पटेल ने आयोजक संस्था छत्तीसगढ़ कूर्मि-क्षत्रिय चेतना मंच की भूरी-भूरी प्रसंसा करते हुए देश के प्रत्येक राज्य में पुरोहित तैयार करने राज्यों में मास्टर ट्रेनर्स प्रशिक्षण आयोजित किए जाकर प्रत्येक जिले से 10-10 मास्टर ट्रेनर्स एवं प्रत्येक विकासखण्ड से 50-50 पुरोहित तैयार करने की नीव रखे। राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष श्रीमति लताऋर्षि चंद्राकर द्वारा प्रशिक्षण में महिलाओं की उपस्थिति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आगे और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिए। उन्होने अपने उद्गार के दौरान बताया कि कूर्मि पुरोहित प्रशिक्षण कार्य का बीजारोपण आज से नौ वर्ष पूर्व अर्थात् 2016 में अखिल भारतीय कूर्मि महासभा के 43 वें अधिवेशन, बैगलूरू में दिनॉक 13-14 नवम्बर 2016 को समाज के संस्कार कार्य कराने के लिए स्वजातिय पुरोहित तैयार किए जाने का क्रांतिकारी प्रस्ताव महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कूर्मि एल. पी. पटेल के नेतृत्व में पारित किया गया। पारित प्रस्ताव को को जमीनी स्तर पर लाने के लिए छत्तीसगढऋ कूर्मि चेतना मंच के टीम को धन्यवाद दिए। अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए छत्तीसगढ़ कूर्मि-क्षत्रिय चेतना मंच के प्रथम अध्यक्ष कूर्मि लक्ष्मी प्रसाद चंद्राकर द्वारा संगठन के वर्तमान कार्य की सराहना करतंे हुए इस पुरोहित प्रशिक्षण को नए युग परिवर्तन के लिए मील का पत्थर बताया। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन चेतना मंच के संस्थापक सदस्य एवं पूर्व प्रदेशाध्यक्षगण ईंजी.सिद्वेश्वर पाटनवार द्वारा प्रशिक्षित 40 पुरोहितों जिसमें 4 झारखण्ड, 6 मध्यप्रदेश एवं 30 छत्तीसगढ़ से आए समाज परिवर्तन के ध्वजवाहकों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए भवन के मालिक श्री संतोष कौशिक का विशेष आभार व्यक्त किए साथ ही भोजन व्यवस्थान में सहयोग देने के लिए श्री प्रमोद नायक के प्रति कृतज्ञयता ज्ञापित किए। उन्होने प्रशिक्षण कार्य के सुचारू संचालन में लगातार सहयोगी के रूप में श्री शत्रुहन कश्यप ईजीनियर सुरेश कौशिक, प्रथम बैच में तैयार कूर्मि पुरोहित डॉ. शारदा कश्यप, श्री हरप्रसाद सिंगरौल, श्री पुरषोत्तम कश्यप, श्री केजाराम कश्यप के द्वारा समाज विकास के लिए समर्पण की भूरी-भूरी प्रशंसा किए। पूरे कार्यक्रम का संचालन संगठन के प्रदेश महासचिव डॉ. विश्वनाथ कश्यप एवं भारतीय कूर्मि-क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं पुरोहित प्रशिक्षण शिविर के समन्वयक डॉ. जीेतेन्द्र सिंगरौल द्वारा किया गया।
इनकी गरिमामयी उपस्थिति से प्रतिभागीगणों में फोटो खिचाने की मची होड़ -
राष्ट्रीय कूर्मि पुरोहित प्रशिक्षण शिविर के समापन कार्यक्रम के अवसर स्थानीय बिल्हा विधायक एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ विधानसभा माननीय धरमलाल कौशिक के साथ श्री तोखन साहू, सासंद एवं केन्द्रीय राज्य मंत्री, आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार की अप्रत्यासित उपस्थिति से प्रतिभागियों के चेहरे खिल गए और उनके साथ फोटो खिचाने की होड़ मच गया। अपने उदबोधन में केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने कहा कि धर्म की रक्षा के लिए हमें अपने संस्कार कार्य स्वयं कराना होगा। कूर्मि समाज के इस क्रांतिकारी कदम से अन्य पिछडे़ वर्ग के समाजों में नवाचार करने की प्रेरणा मिलेगी। स्थानीय विधायक श्री धरमलाल कौशिक ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम को कूर्मि समाज विकास के लिए वर्तमान प्रशिक्षण को आवश्यकता माना और हुए कूर्मि समाज के संस्कार कार्य प्रशिक्षित कूर्मि पुरोहितों के माध्यम से ही कराने की अपील किए।
योग शिविर एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम से प्रतिभागी भूले अपने घर को
राष्ट्रीय कूर्मि पुरोहित प्रशिक्षण शिविर में प्रतिदिन प्रातः 7 से 8 बजे योग प्रशिक्षक श्री आदित्य पाटनवार के द्वारा प्रतिभागियों को पवन मुक्तासन, प्रमुख योग क्रिया, प्राणायाम, बंध-मुद्रा, योग निद्रा जैसे दैनिक दिनचर्या से संबंधित अभ्यासों के बारे में व्यवहारिक प्रशिक्षण दिए। वही कार्यक्रम के दौरान संगीत मय प्रस्तुति एवं रात्रिकालिन सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन से प्रतिभागीगण इतने रम गए कि उन्हें इन चार दिनों में अपने घर-परिवार की याद नहीं आए और लोग आयोजकों से शिविर के दिवस बढ़ाने तक के मांग कर डाले।
जानिए कार्यक्रम के बारे में विस्तार से एवं आगे की रणनीति-
इस प्रशिक्षण के लिए 98 लोगों का पंजीयन प्राप्त हुआ, जिसमें ऑनलाईन एवं टेलीफोनिक काऊंसलिंग के माध्यम से 49 लोगों का चयन किया गया। इन 49 चयनित प्रतिभागियों में 40 लोग विधिवत प्रशिक्षण प्राप्त किए। प्रशिक्षित 40 पुरोहितों में से 4 झारखण्ड, 6 मध्यप्रदेश एवं 30 छत्तीसगढ़ के लोग शामिल हुए। परिवर्तन एवं समाज विकास के ध्वज वाहक बनने डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, शिक्षक, समाजसेवी, पति- पत्नि, गुरू-शिष्य, युवा के बुजुर्गो ने बढ चढ़कर हिस्सा लिया। पुरोहित प्रशिक्षण कार्य को व्यवस्थित व वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने हेतु कूर्मि चेतना संस्कार दर्पण पुस्तक (पुरोहित प्रशिक्षण संदर्शिका) तैयार किया गया है। इस संदर्शिका के माध्यम से संस्कार कार्य के गुणवत्ता पूर्ण प्रशिक्षण से उच्च दर्जे का कौशल विकास किया गया। आगामी समय में देश के प्रत्येक जिले से 10-10 मास्टर ट्रेनर्स एवं प्रत्येक विकासखण्ड से 50-50 पुरोहित तैयार करने की कार्ययोजना को मूर्तरूप दिया जाना है। स्वजातियों को ही पुरोहित कर्म में प्रशिक्षित करने का अभियान से समाज के ही लोग अपने बीच समाज में जाकर सभी प्रकार के पूजा पाठ, हवन, संस्कार, पर्व पूजन, गृह प्रवेश आदि कार्यक्रम सम्पन्न करा कर प्राप्त धनराशि का समाज हित में ही उपयोग कर समाज को आगे बढ़ाने में भी अपनी भूमिका निभा सकंेगे। लोगों के उत्साह को देखते हुए नई दिल्ली के द्वरिका सेक्टर-15 में 23 से 26 फरवरी 2025 को आगामी चार दिवसीय आवासीय राष्ट्रीय कूर्मि पुरोहित प्रशिक्षण शिविर का आयोजन के लिए पंजीयन तिथि 07 फरवरी 2025 तक बढ़ाए गए।
कूर्मि पुरोहित की शुरूवात कैसे?
आपको बताते चले कि पुरोहित प्रशिक्षण कार्य का बीजारोपण आज से नौ वर्ष पूर्व अर्थात् 2016 में अखिल भारतीय कूर्मि महासभा के 43 वें अधिवेशन, बैगलूरू में दिनॉक 13-14 नवम्बर 2016 को समाज के संस्कार कार्य कराने के लिए स्वजातिय पुरोहित तैयार किए जाने का क्रांतिकारी प्रस्ताव महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कूर्मि एल. पी. पटेल के नेतृत्व में पारित किया गया। पारित प्रस्ताव के अनुक्रम में विभिन्न कर्मकाण्डों को सम्पन्न कराने पुरोहित प्रशिक्षित करने का क्रांतिकारी निर्णय लिया गया। इन्हीं मूल भावना को मद्देनजर रखते हुए छत्तीसगढ़ कूर्मि चेतना मंच ने ’’वयं राष्टेª जागृयाम पुरोहिताः’’ का शंखनाद कर इस क्रांतिकारी कदम का बीड़ा उठाया; जिसका प्रथम बैच का प्रशिक्षण चेतना मंच के तात्कालिन प्रदेशाध्यक्ष डॉ. निर्मल नायक के मार्गदर्शन और ऊर्जावान् युवा प्रदेश महासचिव डॉ. जीतेन्द्र सिंगरौल के नेतृत्व एवं डॉ. हेमन्त कौशिक, कूर्मि नंदिनी पाटनवार, कूर्मि शत्रुहन कश्यप के संयोजकत्व में दिनांक 05 जून 2019 से 09 जून 2019 तक बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में कूर्मि प्रहलाद कौशिक के द्वारा पुरोहित प्रशिक्षण को मूर्तरूप दिया गया। इस प्रशिक्षण में समाज के नवरत्न प्रतिभावान बुद्धिजीवियों ने पुरोहित कर्म का व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया गया एवं कूर्मि समाज के विचार योजना को धरातल पर उतारने का ऐतिहाससिक कार्य किया गया। आज से 5 वर्ष पूर्व प्रशिक्षित किए गए पुरोहितों द्वारा समाज में संस्कार, पूजन, हवन आदि का कार्य प्रारंभ कर दिया है एवं इन्हें समाज का अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है, न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि इस टीम के द्वारा अन्य राज्यों में भी संस्कार कार्य कार्य कराए जा रहे है। प्रशिक्षित पुरोहित द्वारा सभी समाज के लोगों में अब तक लगभग 500 से अधिक संस्कार कार्य संपन्न कराए जा चुके है। आगामी चरण में देश के प्रत्येक जिला से 10-10 मास्टर ट्रेनर्स के साथ विकासखण्डवार 50 से 100 पुरोहित बनाने की कार्ययोजना बनाया गया; किन्तु कोरोनाकाल में यह अभियान को स्थगित किया गया था।
कूर्मि पुरोहित प्रशिक्षण का औचित्य?
पूर्व में कूर्मि समाज में शिक्षा का अभाव होने से समाज में संस्कार कार्य के लिए बाह्य लोगों से संस्कार कार्य कराया जाता रहा है; किन्तु वर्तमान समय में समाज में वैज्ञानिक, इंजीनियर, डॉक्टर, वकील व अधिकारी वर्ग तैयार हो गए है। अतः कूर्मि समाज के समग्र विकास के लिए समाज द्वारा संस्कार कार्य सम्पन्न कराने के लिए कूर्मि पुरोहित की आवश्यकता महसूश किया गया। भारत वर्ष में 2025 की अनुमानित जनसंख्या अनुसार 141.54 करोड़ है जिसमेें से लगभग 27.79 करोड़ जनसंख्या अर्थात 19.63 प्रतिशत जनसंख्या देश के 28 राज्य एवं 8 केन्द्र शासित प्रदेशों में कूर्मि समाज के लोग निवासरत है। पूरे भारत वर्ष के कुल 785 जिलों में से 681 जिलों (86.75 प्रतिशत) एवं 6,66,132 ग्रामों में से 2,31,247 ग्रामों (19.63 प्रतिशत) भौगोलिक भूभाग में समाज के लोग निवासरत है। देश के इन 27.79 करोड़ जनसंख्या वाले कूर्मि समाज लगभग 1530 सरनेम/ उपजातियों में विभक्त है। इस प्रकार प्रत्येक ग्राम के लिए 2 के मान से कूर्मि पुरोहित तैयार करने पर लगभग 4.63 लाख समाज के युवाओं को रोजगार मिलेगा। साथ ही समाज के मंदिर में पूजा कार्य के लिए लगभग 3 लाख लोगों की आवश्कता होगी। इस कार्य से समाज के लगभग लगभग 7-8 लाख लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा तथा समाज का पैसा समाज को सुदृण व समृद्व करने में लगेगा।
इनके मेहनतों से प्रशिक्षण बने यादगार-
चार दिवसीय आवासीय राष्ट्रीय कूर्मि पुरोहित प्रशिक्षण शिविर में छत्तीसगढ़ कूर्मि-क्षत्रिय चेतना मंच के प्रदेशाध्यक्ष ईजीनियर लक्ष्मी कुमार गहवई के नेतृत्व में संगठन के प्रदेश महासचिव डॉ. विश्वनाथ कश्यप और कोषाध्यक्ष श्री देवी चंद्राकर एवं संगठन के महिला प्रकोष्ठ प्रदेशाध्यक्ष कूर्मि भारती कश्यप के बेजोड़ टीमवर्क ने प्रतिभागीयों के मन में छत्तीसगढ़ कूर्मि समाज के प्रति आदर भाव पैदा किए। वही छत्तीसगढ़ कूर्मि-क्षत्रिय चेतना मंच के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ईंजी.सिद्वेश्वर पाटनवार, कूर्मि बी. आर. कौशिक, डॉ. निर्मल नायक के साथ स्थानीय व्यवस्था देख रहे चेतना मंच के पूर्व युवा प्रकोष्ठ प्रदेशाध्यक्ष कूर्मि ईंजी.सुरेश कौशिक के अथक मेहनत से प्रशिक्षण शिविर को इतिहास के पन्नों में यादगार बना दिया।
प्रशिक्षण शिविर के दौरान इनकी रही गरिमामयी उपस्थिति-
चार दिवसीय आवासीय राष्ट्रीय कूर्मि पुरोहित प्रशिक्षण शिविर में भवन प्रायोजक एवं जन नेता श्री संतोष कौशिक, छत्तीसगढ़ कूर्मि-क्षत्रिय चेतना मंच के प्रदेश सचिव श्री देवनारायण कश्यप, प्रदेश संयुक्त सचिव श्री तोखन चंद्राकर, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य श्री ईश्वरी चंद्राकर, संगठन के संभागीय अध्यक्ष बिलासपुर श्री प्रदीप कौशिक, महिला संभागीय अध्यक्ष बिलासपुर श्रीमती नूरिता कौशिक, श्री पी. एल. कूर्मि, श्री ओमप्रकाश चंद्रवंशी, श्री प्रमोद नायक, छत्तीसगढ़ प्रदेश कूर्मि समाज के बिलासपुर जिलाध्यक्ष श्री श्यामूरत कौशिक, बिलासपुर जिला कार्यकारी अध्यक्ष श्री लक्ष्मीकांत कौशिक, श्री पूनाराम वर्मा, श्री राजेन्द्र वर्मा सहित स्थानीय कूर्मि समाज के चिंतनशील लोग उपस्थित होकर इस ऐतिहासिक और क्रांतिकारी आयोजन के साक्षी बनेे।